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Riya Tak
White दौलत जिसकी है, दुनिया उसकी हैं कम हैं तो, गम हैं नही हैं तो, कुछ नहीं ज्यादा हैं तो, कद्र नहीं दौलत चीज ही ऐसी है। ©Riya Tak # पैसा बोलता है
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रेम को किसी भी कारण की ज़रुरत नहीं होती. वो सदा दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है, प्रेम को समझना अस्वाभाविक यथार्थ है।। ©N S Yadav GoldMine #lonely_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रेम को किसी भी कारण की ज़रुरत नहीं होती. वो सदा दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है, प्रेम को समझना
Nimisha Mishra HI
White ऊंची आवाज में वो बोलता है, जिन्हे झूठ बोलना होता है , सच तो धीमी स्वर में भी कहा जाए तो सम्पूर्ण ब्रह्मांड में गूंजता है । ©Nimisha Mishra HI #SunSet ऊंची आवाज में वो बोलता है जिन्हे झूठ बोलना होता है , सच तो धीमी स्वर में कहा जाए तो सम्पूर्ण ब्रह्मांड में गूंजता है ।
Rk_karn1511 अनकही सी बातें
बात कड़वी है पर सच्ची है सच बोलने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती और जो हिम्मत कर सच बोलता है वही अक्सर बुरा बन जाता है Rk karn अनकही सी बातें💙 ©Rk_karn1511 अनकही सी बातें बात #कड़वी है पर #सच्ची है सच बोलने की #हिम्मत हर किसी में नहीं होती और जो हिम्मत कर सच बोलता है वही अक्सर बुरा बन जाता है #Rk #karn #अनक
Krishna
Men walking on dark street ज्या व्यक्तीशी बोलताना, दहा वेळा BYE बोलल्यानंतर ही, तुम्हाला कॉल Cut करू वाटत नसेल, तेव्हा समजून जा कि, तुम्ही त्या व्यक्तीच्या प्रेमात वेडे झाले आहात….. ©Krishna #Emotional ज्या व्यक्तीशी बोलताना, दहा वेळा BYE बोलल्यानंतर ही, तुम्हाला कॉल Cut करू वाटत नसेल, तेव्हा समजून जा कि, तुम्ही त्या व्यक्तीच्या
Babita Singh
किया था कभी तुझपे खुद से भी ज्यादा भरोसा प्यार नहीं था वे था एक धोखा 🦋 ©Babita Singh #aaina आईना कभी झूठ नहीं बोलता पर तुमने बोल दिया हंसके बड़े प्यार से ✍️🫂
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल जुर्म की जब हो हुकूमत तो वकालत कैसी पूछते लोग हैं फिर हमसे शिक़ायत कैसी दुनिया वाले जो करें प्रेम तो अच्छा लेकिन जब करें हम तो कहे लोग मुहब्बत कैसी दिल बदलते हैं यहां लोग लिबासों की तरह हमने बदला है अगर दिल तो क़यामत कैसी लोग यूं ही तो नहीं मरते हैं हम पर यारों ये ख़बर सारे ज़माने को है उल्फ़त कैसी झूठ से बच तो नहीं सकता कभी तू भी प्रखर बोलता सच हैं अगर तू तो सियासत कैसी ०१/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल जुर्म की जब हो हुकूमत तो वकालत कैसी पूछते लोग हैं फिर हमसे शिक़ायत कैसी
ਸੀਰਿਯਸ jatt