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New mahabharat 28 Quotes, Status, Photo, Video

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MaMtAa

28/12/2024

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NaZZu

#Manmohan_Singh_Dies 28/12/24

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Google advance me happy New year 2025

©NaZZu #Manmohan_Singh_Dies 28/12/24

Dr Anoop

#leafbook 28

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Unsplash फिर आएंगे एक उमर प्यार की लिखवा कर...

फिर तेरे हो कर रहेंगे सदा के लिए...
!!! ❤️🌻

©Dr Anoop #leafbook 28

NOTHING

NaZZu

28/12/24

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Anjali Jain

#sad_quotes शुभ विचार 28 11.24

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White फिर भी सीनियर स्टूडेंट्स,नये आने वाले स्टूडेंट्स के साथ ऐसा कठोर व्यवहार कैसे कर सकते हैं. रैगिंग का अर्थ, नए बच्चों से जान- पहचान के अर्थ में लिया जाता है तो ये जान- पहचान करने का क्या तरीका हुआ..?
कोई नए पड़ौसी हमारे आसपास रहने आते हैं तो क्या हम जान पहचान का ऐसा तरीका अपनाते हैं जिससे उन्हें तकलीफ हो या हम उन्हें सुविधापूर्ण वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं तो यही हमें नए बच्चों के साथ करना चाहिये ताकि उन्हें अपनत्व भरा माहौल मिले ना कि दबाव और तनावपूर्ण, जिससे उनकी जान पर बन आए...!नए, मासूम बच्चों की मनः स्थिति को समझना चाहिये ताकि वे स्वयं पुराने स्टूडेंट्स का आदर करें और ये समय जीवन भर के लिए मीठी यादों के रूप में साथ रहे!!

©Anjali Jain #sad_quotes  शुभ विचार 28
11.24

Dr Anoop

#sad_quotes good morning 28

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White हम तो कल भी तेरे थे आज भी तेरे है आगे भी तेरे रहेंगे
इंतजार बस एक पुकार का एक होने का हैं  ❤️

©Dr Anoop #sad_quotes good morning 28

Rajesh kohli

28/11/24

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White शुभ प्रभात 🌹

©Rajesh kohli 28/11/24

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

TeacherShailesh

श्रीमदभागवत गीता अध्याय 10 श्लोक 28 #geetagyan #teachershailesh#टीचरशैलेश

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