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Prashant Mishra
#OpenPoetry थमी हुई है साँसे, वक़्त को थम जाने दो। थमे हुए इस लम्हे में बस मेरे हो जाने दो। - प्रशांत मिश्रा थमी हुई साँसे...
Adarsh Verma
ज़िन्दगी तो चल रही है मगर थम से गये हैं हम जिस मोड़ पर छोड़ा था, तुमने उसी मोड़ पर खड़े हैं हम ©Adarsh Verma थमी जिन्दगी #LostTracks
Rajesh Jha
बस एक बार थम जाए ये सांसे तब सब अच्छा आदमी था कहे हमे बेशक नमाजेंगे ये अंतिम समय जीवन के कुछ पल गुजार ले मुसाफिर तुझे कान्हा देने वाले भी जरूर आँशु बहाएंगे । रुक्सत के बहाने बना कर महफ़िल से तेरी जो जाता हैं कल को तेरी मैय्यत-ए-महफ़िल सजायेंगे आज इस कदर बिलखती आँखों को तू भी सहज महसूस करेगा। जो कल तक तुझसे तोड़ रिश्ते गए थे आज हर रिश्ते उन्हें याद आएंगे । और ग़मो की महफ़िल में डूबी शामो को तूने देखा है , आज उन्हें तेरे गम याद आएंगे। अब तू चुप होगा तो वो तुझसे तमाम सवाल पूछ आएंगे । हा तेरी रुकी सांसो में तुझे देख सब अपने भी जाग जाएंगे । तू जगह अपनी लेगा और तेरे घर पे अब वो हक़ जतायेंगे। तेरी सांसे रुकने पर तेरा सालो से वीरान पड़ा महल जैसा सजायेंगे। एक बार थम जाए ये सांसे सब तुम्हें तुम्हारी कही बातो को सरहायेंगे। और तुम अब जाओ तमाशा देखो सांसे थमी ही है कि लोग किस्से बनायेंगे आदमी अच्छा था कह के अच्छाईयां गिनवाएँगे। साँसे थमी है।
PrakHar Dixit
किसी ने क्या खूब कहा जब तक थी सांसें मेरे साथ कोई ना हुआ अपना ।। ओर जब छुटी सांस अपनी तो हुआ पूरा जग अपना ।।। सांसें
हरिशंकर काछी
घर में रहो-घर में रहो हो रहा है ऐलान सुन-सुनकर बेघर सब हैं बहुत हैरान एक-एक लम्हा बहुत भारी हो रहा है सांस बड़ी मुश्किल से आ-जा रही है गाँव से भागे थे भूखे रोटी की तलाश लेकर भूखे ही वे वापस भागे खुद की लाश लेकर शहर वालों से उनका शहर छिन गया भिखारी से उसका फुटपाथ छिन गया शुकून ही तो छिना है अभी सब्र करो सांस न छिन जाये कहीं दुआ करो सांसें
Ranjit Kumar
सांसे तो मै रोक लूँ अपनी वो मेरे बस में है.. पर तेरे एहसांसो को को कैसे रोकूं तू तो मेरी नस नस में है..!! ©Ranjit Kumar #सांसें
J P Lodhi.
थक सा गया जिंदगी से,चलते चलते रुकती सांसें। गम के मेलें में खुशियों को,रोते रोते तकती आँखें। सुनने वाला कोई नहीं,अब खुद से ही करता बातें। नजर आ चुकी है मंजिल,अब उखड़ रही है सांसें। JP lodhi 19May2023 ©J P Lodhi. #सांसें
kavi shubham shrivastava
कुछ है सांसे जो कि उदास हैं मुझे जीने की अब भी आस है दिल टूट गया सुनके तेरी दास्तां जो मोहब्बत के तेरे अल्फ़ाज़ हैं कुछ है सांसे ............. तेरा दर्द कैसे कम करू तुझे जीयुं या तुझमें मरू ले ले हर एक कतरा मेरे इश्क का जो वफा की धड़कने भी मेरे पास है कुछ है सांसे ........ औे सावन में भी ना मिला सुकूं क्या कम हुआ मेरे इश्क का जुनूं मैंने मांगी है समन्दर से दुआ क्योंकी मेरा यार भी तो कुछ खास है कुछ है सांसे ....... धडकनों ने छोड़ा है जब से साथ मेरा जैसे अपनों ने छोड़ा हो हाथ मेरा तो क्या में तुझसे इश्क़ ना करूं बस इतनी सी जो बात है कुछ है सांसे जो कि उदास है मुझे जीने की अब भी आस है ll # उदास सांसें....