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Stories related to प्रसूति स्नान मुहूर्त 2020

Ashok Verma "Hamdard"

#कुंभ स्नान

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White सबको अपने किए की याद है लाला,
तभी तो भीड़ उमड़ी है कुंभ के घाट पर।
पाप जो पलकों तले थे दबे हुए,
धुलने आए हैं पवित्र जल के साथ पर॥

कल तक जो थे छल-फरेब के सौदागर,
आज बने संत, लिए गंगाजल हाथ पर।
कर्मों की गठरी नहीं हल्की होती,
बस धोखा देते हैं ये धूप-छाँव के जज्बात पर॥

कोई चरण धोने को आतुर खड़ा है,
कोई माला जपता है पाप के भार पर।
पर लाला, पानी से धुलते नहीं हैं गुनाह,
जब तक सच्चा पछतावा न हो ह्रदय के थाप पर॥

कुंभ के घाट पर सैलाब उमड़ा है,
पर सच की नाव डगमगा रही है बीच धार पर।
पुण्य वही जो मन से किया जाए,
न कि धोखे से, दिखावे की बात पर॥

©Ashok Verma "Hamdard" #कुंभ स्नान

Nitu Singh जज़्बातदिलके

आस्था मन में लिए मिले तब मोक्ष का द्वार जो पाप किए है गोते लगाए त्रिवेणी संगम में पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे सबके प्रति नेक विचार मौका

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White आस्था मन में लिए
मिले तब मोक्ष का द्वार 
जो पाप किए है 
गोते लगाए त्रिवेणी संगम में
पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे 
सबके प्रति नेक विचार
मौका जिसे मिला अमृत स्नान का
अब मिलेगा १४४ साल के बाद 
संत, गुरु, किन्नर और अघोरी
सब मग्न होकर शिवरात्रि मनाए   
महादेव की नगरी महादेव से मिलने 
सब चले काशी विश्वनाथ में
हर हर महादेव 🙏

©Nitu Singh जज़्बातदिलके आस्था मन में लिए
मिले तब मोक्ष का द्वार 
जो पाप किए है 
गोते लगाए त्रिवेणी संगम में
पुण्य तभी फले जब मन में रक्खे 
सबके प्रति नेक विचार
मौका

दक्ष आर्यन

शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?

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शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या?
पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या?
मन मेला करके गए थे जो, 
वो साफ करके आये हो क्या?
पाप धोके आये हो या पाप करके आये हो क्या?

रूह को भीगाया है या जिस्म से नहाके आये हो!
क्या पछतावे वाले आंसू गंगा मे बहाके आये हो!
या सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने गए थे तुम 
या भेड़चाल मे दिखावा करने गए थे तुम 
जो भगदड़ मे दब के मर गए 
उसके तुम भी जिम्मेदार हो 
तुम पुण्य से पहले पाप के हक़दार हो 
अब बताओ सच बताना क्या इंसाफ करके आये हो 
कुछ पुण्य कमाया या सिर्फ बदन साफ करके आये हो
ऐसा ही नहाना था तो घर मे भी नहा सकते हो 
पाप ही धोने है तो भूखे को रोटी खिला सकते हो, प्यासे को पानी पिला सकते हो,
 इस रास्ते से तुम कभी भी पुण्य कमा सकते हो

©दक्ष आर्यन शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या?
पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या?
मन मेला करके गए थे जो, 
वो साफ करके आये हो क्या?

Death_Lover

जीवन भी किसी महाकुंभ से कम नहीं है "हिमांश",
अगर आपने बिना अर्थ के स्नान किया हो तब कचरे से कम नहीं है।।

©Death_Lover #आध्यात्म #अध्यात्मिक #महाकुम्भ #जीवन #मृत्यु #स्नान #प्रेम 
#Spritual #love #Mahakumbh

white Angel animation

There is a provision of accommodation for those who come to Prayagraj to take bath in Sangam, Call +9193415 02636 Note 1.We have food facil

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prayagraj Kumbh Mela mein aapka Hardik swagat hai

©white Angel animation There is a provision of accommodation for those who come to Prayagraj to take bath in Sangam, 
Call +9193415 02636
Note
1.We have food facil

Andy Mann

#स्नान puja udeshi Sangeet... Ak.writer_2.0 Rameshkumar Mehra Mehra Ashutosh Mishra

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White कभी हौसला भी आजमा लेना चाहिए; बुरे वक़्त में मुस्कुरा लेना चाहिए; अगर 21वें दिन भी खुजली ना मिटे तो; 22वें दिन नहा लेना चाहिए।

©Andy Mann #स्नान  puja udeshi  Sangeet...  Ak.writer_2.0  Rameshkumar Mehra Mehra  Ashutosh Mishra

theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

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कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter 
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे

अनुज

सब कुछ पाकर भी क्यों खाली रहता है इंसान स्वप्न के सागर में क्यों डूबा रहता है संसार क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण फिर किस चीज का है अभ

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IG @kavi_neetesh

#river Hinduism Entrance examination Kartik Aaryan Aaj Ka Panchang Extraterrestrial life महाकुंभ ************ पुण्य सलिल अवगाहन कर

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