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Parul Sharma
न मेरा धर्म कोई न मेरी जाति ही, न काटो न बाँटो मुझे इस नश्तर से, मैं मानव हूँ । मुझे दर्द होता है,जिससे लहू बहता है, एक दिल है पास मेरे,जो बुना है प्रेम के धागों से न तोड़ो न उधेड़ो,इन डोरों को इन से मेरी साँसों का बंधन बंधा है। मैं मानव हूँ । न बालक,न युवा, न जरा, न नर, न नारी न श्रमिक, न नेता, न निर्धन, न धनी न तोलो मुझे इन भेदों से, इससे मेरी मानवता का मान घटता है । मैं मानव हूँ । चाहता प्रेम मैं, बाँटता प्रेम मैं निवास मेरा मन है,आय मेरी कर्म है मानवता मेरा धर्म है,संतोष मेरा धन है । पूँछे कोई कौन हूँ मैं ? बस मेरी पहचान यही, मैं मानव हूँ । मैं मानव हूँ । मैं मानव हूँ । पारुल शर्मा #gif न मेरा धर्म कोई न मेरी जाति ही, न काटो न बाँटो मुझे इस नश्तर से, मैं मानव हूँ । मुझे दर्द होता है,जिससे लहू बहता है, एक दिल है पास मेरे,जो ब
Vikas Sharma Shivaaya'
सृष्टि के संहारक और पालक देवाधिदेव महादेव भगवान साक्षात महाकाल हैं-भगवान शिव शक्ति के आराध्य देव माने जाते हैं-गायत्री मंजरी में वर्णन मिलता है कि शिव आदियोगी हैं-योग के सभी भेदों का गूढ़ ज्ञान शिव को प्राप्त है-शिव के साथ शक्ति का प्रादुर्भाव होता है इसलिए शिव और शक्ति सदैव साथ रहते हैं. पृथ्वी की प्रथम एवं सबसे बड़ी शक्ति गायत्री माता हैं-गायत्री को महाकाली भी कहा गया है- शिव गायत्री योग ? आत्मा की उन्नति के लिए परम आवश्यक है- गायत्री मंत्र शिव की आराधना शक्ति है। रूद्र गायत्री मंत्र: ॐ सर्वेश्वराय विद्महे, शूलहस्ताय धीमहि | तन्नो रूद्र प्रचोदयात् || "हे सर्वेश्वर भगवान ! आपके हाथ में त्रिशूल है -मेरे जीवन में जो शूल है, कष्ट है ,वो आपके कृपा से ही नष्ट होंगे-मैं आपकी शरण में हूँ ".. ! शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात। विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 45 से 55 नाम 45 धातुरुत्तमः अनंतादि अथवा सबको धारण करने वाले हैं 46 अप्रमेयः जिन्हे जाना न जा सके 47 हृषीकेशः इन्द्रियों के स्वामी 48 पद्मनाभः जिसकी नाभि में जगत का कारण रूप पद्म स्थित है 49 अमरप्रभुः देवता जो अमर हैं उनके स्वामी 50 विश्वकर्मा विश्व जिसका कर्म अर्थात क्रिया है 51 मनुः मनन करने वाले 52 त्वष्टा संहार के समय सब प्राणियों को क्षीण करने वाले 53 स्थविष्ठः अतिशय स्थूल 54 स्थविरो ध्रुवः प्राचीन एवं स्थिर 55 अग्राह्यः जो कर्मेन्द्रियों द्वारा ग्रहण नहीं किये जा सकते 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सृष्टि के संहारक और पालक देवाधिदेव महादेव भगवान साक्षात महाकाल हैं-भगवान शिव शक्ति के आराध्य देव माने जाते हैं-गायत्री मंजरी में वर्णन मिलता
Mukesh Poonia
Sahitya Vikas Manch
साहित्य विकास मंच के whatsapp group में आज का विषय - रचना भेजने या जुड़ने के लिये - 9714292905 whatsapp number. (साथ ही अनुप्रास अलंकार की जानकारी के लिये यह पोस्ट पढें ) धन्यवाद ©Sahitya Vikas Manch *दैनिक विषयानुसार काव्य सृजन* *दिनांक : 15/03/2021* *वार- सोमवार* *विषय क्रमांक - 44* *विषय - अलंकार* ( अनुप्रास अलंकार ) *परिभाषा -*
अज्ञात
प्रथम आप सभी प्रबुद्ध रचनाकारों के चरणों में वंदन करता हूं.🙇♂️🙇♂️🙏इस लेख के माध्यम से इस ऐप पर विविध रचनाकारों की अनमोल रचनाओं को पढ़ते हुये आज बरबस ही दो पंक्तियों की एक रचना पर नज़र पड़ी..और उस रचना को पढ़कर जिन भावों का मेरे अंतर में प्राकट्य हुया उन्हें जस के तस आपके समक्ष प्रगट करता हूं, रचना के संदर्भ में ही यह सारा लेख लिखता हूं, कहां तक लिख पाउँगा नही जानता कितना लिख पाउँगा नही जानता मगर जब तक लिखूंगा नही तब तक हृदय अशांत रहेगा और एक बात जिनकी रचना के बारे में आगे कहूंगा बिलकुल निष्पक्ष ढंग से कहूंगा। कृपया शेष भाग कैप्शन में पढ़कर कृतार्थ करें 🙏🙏🙏🙏🙏 ©Adv. R. Kumar रचना इस पेज के शीर्ष भाग पर अंकित है जो एक विदुषी महिला रचनाकार ने गढ़ी है, और अपनी इस रचना के माध्यम से मानो स्त्री पक्ष की ओर से पुरुष पक्ष