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theABHAYSINGH_BIPIN
White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreनवनीत ठाकुर
इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी। चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने, ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी। कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र, जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी। जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें, छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी। हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें, और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, व
#नवनीतठाकुर इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, व
read moreAnjali Singhal
"तेरे प्यार की महकती खुशबू से, मैंने सपनों के रंगीन ख्वाब बुने; तूने बहार ही बहार भरी जीवन में, तुझ जैसा कोई कहाँ मिले? तेरे कदमों की आहट से
read moreSethi Ji
White 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 🩷 औरत की ज़िम्मेदारी , औरत की हिस्सेदारी 🩷 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 हर औरत की सुरक्षा आदमी की ज़िम्मेदारी हैं ज़माने में औरत की बराबर की हिस्सेदारी हैं औरत को जीवन जीने की नौका चाहिए ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का मौका चाहिए इस बात को समझने में छुपी इस दुनिया की सबसे बड़ी होशियारी हैं एक औरत सूरत से प्यारी हैं , सीरत से दुआरी हैं हमको दुनिया में लेने के लिए यह ज़िन्दगी सदा आपकी आभारी हैं कब तक छुपाओगी अपने हुनर को अपने मर्द की कामयाबी के पीछे अब ज़िन्दगी में कुछ कर गुजरने की तुम्हारी बारी हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji 💞💞 सीरत की प्यारी 💞💞 💞💞 सूरत की दुआरी 💞💞 #good_night #Sethiji #16Nov #Trending
💞💞 सीरत की प्यारी 💞💞 💞💞 सूरत की दुआरी 💞💞 #good_night #Sethiji #16Nov #Trending
read moreAnjali Singhal
🪔 देवउठनी एकादशी 🙏 "शालीग्राम संग तुलसी देखो, लगती कितनी प्यारी हैं! देवउठानी एकादशी पर, तुलसी विवाह की शुभकामनाएँ हमारी हैं!!"
read moreVandana Rana
White वो जो कहता नहीं कभी कि तेरी मुस्कुराहट सबसे प्यारी है, वो जो कहता नहीं कि तेरी बातें किसी सुरीले गीत से भी न्यारी है, वो जो कहता नहीं कि तेरी आँखें झील जैसी गहरी है, वो जिसे मेरे साथ होकर एक छोटे बच्चे की तरह प्यार करने को दिल नहीं चाहता, उसे इश्क़ है मेरी सादगी से तू झूठा है मेरा दिल मुझे यही है बताता! ©Vandana Rana वो जो कहता नहीं कभी कि तेरी मुस्कुराहट सबसे प्यारी है, वो जो कहता नहीं कि तेरी बातें किसी सुरीले गीत से भी न्यारी है, वो जो कहता नहीं कि त
वो जो कहता नहीं कभी कि तेरी मुस्कुराहट सबसे प्यारी है, वो जो कहता नहीं कि तेरी बातें किसी सुरीले गीत से भी न्यारी है, वो जो कहता नहीं कि त
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
तरु बिना है इनके अधूरी इनके बिना जीवन जीना मानों असंभव, Lots of love क्रिशु और प्यारी लली श्री राधे रानी हमेशा ऐसे ही साथ अपना सबकी ठुकराई
read moreबेजुबान शायर shivkumar
// छठ पर्व // कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से चलती आई, सीता मैया, कर्ण और पांडव, साथ में कुंती माई. भक्ति भाव उमड़ पड़ता है, करते सब गुणगान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. प्यारी बहना दिनकर की हैं, षष्ठी तिथि है प्यारी, कृपा सिंधु हैं आप हे मैया, जग देता बलिहारी. डाला सूप सजाये कहते, आ जाओ दिनमान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. आम की लकड़ी, नारियल, संतरा, मूली, ठेकुआ, केला, घाट सजे हैं सुंदर -सुंदर, कितना मोहक बेला. अमरुद, पान, सुपारी, गन्ना, विविध बने पकवान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. जल में व्रती हाथ हैं जोड़े, सुख-समृद्धि मांगे, अंतस का तम दूर करो माँ, और न हम कुछ चाहें. कोढ़िया, दुखिया, बाँझ, गरीबी, सबका करते त्राण, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. ©बेजुबान शायर shivkumar 👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
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