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Ajita Bansal
New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर, सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे। हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन, खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत। पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम, नई राहों पर, नए क़दम। सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास, साल 2025 हो, सफलता से भरा खास। जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है, वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है। समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें, साथ चलें हम, बस यही है शेरों। नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति, हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि। साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय, नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय। ©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day
#Newyear2025 poem of the day
read moreMishra Agency
White समय गवाकर पैसे मत बचाए बल्कि अपने समय को इतना महत्वपूर्ण बनाए कि पैसा की अहमियत से ज्यादा समम कीमती बन लगें ! समम सभी के पास चौबीस घंटे समान है , कोई खाना बनाने में कपड़े धोने में कोई अभिभावकों सरकार के ऊपर दोषारोपण और मनोरंजन में निकाल देते हैं वही एलन मस्क बिल गेट्स इत्यादि उसी समय को सदुपयोग से खुद के साथ साथ दुनिया को तरक्की का मार्ग प्रशस्त करते है ! ©Mishra Agency #Road
बनवारी जाटव!
White रास्ते में फिर वही, पैरो का चक्कर आ गया, जनवरी गुज़रा नहीं था और दिसम्बर आ गया! ©बनवारी जाटव! #Road
Narendra kumar
चालाक लोग सामने नहीं आते है पर समस्या को सामने ला देते हैं ©Narendra kumar #Road
Gyanendra Kumar Pandey
#kukku2004 #nojotohindi #Love Life I'm not the owner of the content. DM me for the removal of the content.
read moreNarendra kumar
परिवार उसी दिन टूट जाता है जिस दिन परिवार के एक दीन को सब दिन के लिए लोग छोड़ देते हैं। ©Narendra kumar #Road
Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreमनीष कुमार पाटीदार
White रफ़्तार धीमी सही मंजिल तक पहुॅंचने के लिए, लेकिन सफ़र का आनंद लेना भी जरूरी है। ©मनीष कुमार पाटीदार #Road
Narendra kumar
थोड़ा-थोड़ा बचाने के चक्कर में, हरा भरा बाग बिखर गया। थोड़ा थोड़ा बटोरने में, पूरा का पूरा परिवार बिखर गया। ©Narendra kumar #Road