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writer....Nishu...
मोहब्बत बे-इन्तहा हैं मेरे दिल को तुमसे मुकम्मल हो जाये यही दुआ करते हैं रब से चाहत तेरी अलग हैं सबसे तभी तो मेरी रूह के करीब हैं सबसे नहीं लगता मेरा दिल तेरे बिना तेरी तलब लगी है जबसे नहीं आता कोई ख्याल अब और दिल में राज़ हुआ इस फर तेरे इश्क़ का जबसे हद़ से ज्यादा हक़ है मेरा तेरी मोहब्बत पर बे-इन्तहा चाहा है तूने भी मुझे जबसे ©writer....Nishu... #बे-इन्तहा मोहब्बत
#बे-इन्तहा मोहब्बत
read morewriter....Nishu...
White मेरी बे-परवाह रूह को अपनी मंजिल पाना है मशक़्क़त है रास्तों में मेरे मगर बुलंद हौसलों से पार हो जाना है कई तूफान आयेंगे जिंदगी की कश्ती में इनसे लड़कर किनारे तक जाना है हर तरफ कशमकश है मजबूरियों की मुझे फिर भी सुर्ख़-रू को हकीकत बनाना हो लाख सवाल जवाब मगर बे-परवाह होकर मंजिल को पाना है ....... (2) ©writer....Nishu... #बे-परवाह रूह को मंजिल पाना है
#बे-परवाह रूह को मंजिल पाना है
read moreMadhur Nayan Mishra
जिसकी परवाह ज्यादा की जाती है, अक्सर वही लोग हमारे जज़्बातों को नजरंदाज किया करते है... ©Madhur Nayan Mishra #FallAutumn #शायरी #परवाह #नजरंदाज
FallAutumn शायरी परवाह नजरंदाज
read moreWriter @143
White कुछ लोग जीतकर भी हार गए। यानी सब कहानी से पुकारे गए।। उसके तो आंसुओं ने बचा लिया ।। उसको और हम भी मौत मारे गए ©Writer @143 #lonely_quotes बे मौत
#lonely_quotes बे मौत
read moreShashi Bhushan Mishra
कितनो की परवाह करोगे, ख़ुद का चैन तबाह करोगे, बातों से बहलाओगे मन, कबतक झूठी वाह करोगे, खाली हाथ कूच कर जाये, किस माया की चाह करोगे, अगर वृक्ष ना होंगे जग में, ख़ुद पर कैसे छाँह करोगे, बिन पतवार नदी में नौका, कैसे ख़ुद से थाह करोगे, मन अशांत तो समझो जैसे, ख़ुशियों का ही दाह करोगे, 'गुंजन' मर्म यही जीवन का, जहाँ चाह वहीं राह करोगे, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #कितनो की परवाह करोगे#
Manish Raaj
परवाह ------ ख़ामोश होती जुबाँ में अब भी उनके लिए अल्फ़ाज़ बाक़ी है ज़िंदा लाश बन चुकी जिस्म मगर सीने में अब भी उनके लिए धड़कन की रफ़्तार बाक़ी है नज़रों से हर नज़ारा ओझल हो चला है मगर आँखों में अब भी उनके आने की आस बाक़ी है न जाने साँस और जिस्म कब जुदा हो चले मगर उनके दिल में पनाह पाने का विशवास अब भी बाक़ी है एक अरसे से दर्द जीने का अंदाज़ बना बैठा है मगर अब भी उनके लिए चहरे पर मुस्कान बाक़ी है हुनर देख दुनिया ने सर आँखों पर बैठा रखा है मगर अब भी उनकी जुबाँ से तारीफ़ सुनने की चाह बाक़ी है जज़्बात सारे बयाँ कर दिए मगर अब भी उनके लिए कुछ ख़ास अनकहे एहसास बाक़ी है कल रहे ना रहे मगर दुआ में उनका नाम रहे अब भी उनके लिए ये अरदास बाक़ी है मनीष राज ©Manish Raaj #परवाह
TAPAN MANDAL
Nature Quotes खिलते हुए फूलों से मैं पूछने लगा हूं बदला जो मौसम मैं धूप छांव पूछने लगा हूं। ©TAPAN MANDAL #परवाह