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Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
Unsplash ["हर लम्हा जियो, सुकून और प्यार के साथ"] "फिर न आए ये दिन, ऐसा कोई वादा नहीं। आज का दिन भी खुलकर, सुकून से मस्त मौला होकर जी लो दोस्तों, क्या भरोसा ज़िंदगी का, कब आंखें बंद हो जाएं, कौन साथ छोड़ जाए। हर हंसी, हर सांस को महसूस करो, हर पल को खुशी से समेट लो। बस यही सच है, जो आज है, वहीं खुशियों की बहार है। प्यार है।" ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #snow #["हर लम्हा जियो, सुकून और प्यार के साथ"] #zindagi sad shayari #motivational shayari sad #shayari love shayari
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read moreImran Shekhani (Yours Buddy)
जियो और जीने दो #Original #ownvoice #thought #lifequotes #philosophical #fundaoflife #YoursBuddy #YoursImran
read moreAshraf Fani
White जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो ©Ashraf Fani जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो #ashraffani #life_quotes शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी
जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो #ashraffani #life_quotes शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreनवनीत ठाकुर
वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर पल में एक नई तलाश, जीने की राह चली। छोटी सी जिंदगी, एक बड़ी सी दास्तान बन गई, कुछ खोने के बाद ही, उसकी असली कीमत समझी हमने। वक्त ने सब कुछ छीन लिया, पर बहुत कुछ सिखा भी दिया, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला। वक्त ने छीना, मगर आईना भी साफ़ दिखा गया, जो मिला था, उसे संभालना हमें सिखा गया। ©नवनीत ठाकुर #वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।
#वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।
read moresila kumari
#Video | #Neelkamal Singh & #shilpi Raj | ओढ़नी सर सर सरके | Odhani Sar Sar Sarke | T-Series wbhojpuri video
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
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