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Dr. Bhagwan Sahay Meena
****************************** नेक कर्म जग में करें, जीवन है अनमोल। कर्म रखते अमर सदा, मीठे रखना बोल। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #नेट
Anita Prajapati10
कार्ड____दीपावली का 📝 🌺माननीय श्री नोजोटो परिवार आप 🌺 🌺सभी को दीपावली की 🌺 🪔 हार्दिक शुभकामनाएं 🪔 🌺हमारे जमाने की बात हे ये🌺 उन दिनों मैं फोन नही थे 🌺हम लोग अपने रिश्तेदारों को कार्ड भेजकर शुभेच्छा भेजते थे, 🌺कैसे लिखते थे🌺 में बताती हूं ।।😀😀😀😀 पहले तो दीपावली का कार्ड🌺 हम खुद बनाते थे,🌺 कंकू या गुलाल को 🌺पानी में घोलकर🌺स्वास्तिक छापते, फिर 👣लक्ष्मी का 👣 पांव छापते, 🌺 "श्री" से शुरुआत होती थी, सभी संबंधियों को 🌺ये शुभ दीपावली का कार्ड भेजते थे, 🌺और सभी के कार्ड का हमे भी इंतजार रहता था।।🌺🌺 इतने छोटे से कार्ड में🌺 कितना प्यार बरसाते थे।।🌺😀😀😀😀 और अंत में लिखते 🌺ये कार्ड को हम आप को रूबरू मिले हो ऐसा समझना 🌺😀😀 ली..🌺आप की अपनी अनिता का ढेर सारा प्यार.......🌺 ❤️❤️❤️❤️ ©Anita Prajapati10 #कार्ड #कार्ड #शुभदीपावली #Flower
Vikas samastipuri
समय वह तसल्ली से तसरीफ आदान प्रदान रही भागते चले बातें रूकी समस्याएं का बखान रूकी बिच की बातें हो जाती स्पीड नेट प्रोबलब न रूकी अराम की सीख चल रही। ©kavi vikash नेट प्रोबलब #phonecall
Shahab
आज एक शादी का कार्ड आया उसमें सबसे नीचे लिखा है Stay Home Stay Safe... घर में रहें , सुरक्षित रहें ।। समझ नहीं आ रहा बुलाया है या मना किया है ©Shahab #कार्ड
Manish mali
जेहि इमि जावहि वेद बुध,जाहि धरहिं मुनि ध्यान । सोई दसरथ सुत भगत हित,कोसलपति भगवान ।। गोस्वामी तुलसीदास नेट जेआरएफ पंक्तियाँ
Manish mali
#OpenPoetry दैहिक,दैविक,भौतिक तापा,रामराज्य काहुहिं नहीं व्यापा। -तुलसीदास नेट जेआरएफ हिन्दी पंक्ति
shubhRajput
मोहब्बत में जो कर गुजरे उसे कर वफ़ा कहते है , और जो कहती है नेट ऑन था , इसलिए ऑनलाइन थी उसे बेवफ़ा कहते है 😉😉 ©shubhRajput नेट ऑन था....#shubhRajput
Manish mali
परहित सरिस धरम नहीं भाई, परपीड़ा राम नहीं अधमाई । गोस्वामी तुलसीदास नेट जेआरएफ हिन्दी साहित्य
Krishna Mudgal
-: पोस्ट कार्ड :- दिल के अरमानो को कागज पे लिखा देखा पुरानी किताबो में उसका एक पत्र पड़ा देखा !! ज़माना ओर था जब चिठी लिखी जाती थी ! के बाते दिल से लिखी दिल से पड़ी जाती थी !! अरसा हुवा अल्फाजो को श्याही में भीगा देखे !! किसी कागज को मुहबत की खुसबू में डूबा देखे !! #कृष्ण मुदगल पोस्ट कार्ड