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Sandeep Sandeep

परी मेरी बेटी

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Adv Sony Khan

#beti #बेटी #Self #selfconfidence #motivate #Motivation #writer #my #Advocate #Reality मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को

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White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क*
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प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है,

अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है

दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है

भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है,

तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है,

अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है,

फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है।

करदो कन्यादान तो पुरुष की  अर्धाग्नि बन जाती है,

फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है।

आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है,

ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है।

सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है

किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है,

इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है

हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है।

बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है 

मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है 

बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे 

बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ?

हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, 

दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा 

तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। 

जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा ।


*ऐडवोकेट सोनी खांन*
_द्वारा स्वरचित रचना_

©Adv Sony Khan #Beti #बेटी #Self #selfconfidence  #motivate 
#Motivation #Writer #my 
#Advocate #Reality  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को

SANIR SINGNORI

#DesertWalk नदी बचाओ

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पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

पैसे के लालच में आज,
साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की

 निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने,
 बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की

सहस्र जीवों का जीवन थी जो,
इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की

अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' 
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की

सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण,
जै  बच जाए जान 'काटली' की

पराया क्या जाने पीर 'काटली' की
कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की





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©SANIR SINGNORI #DesertWalk 
नदी बचाओ

Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

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White 

मन का जख्म

बदन पर जो लगे,
वो जख्म भर जाते हैं,
वक़्त की मरहम से,
दर्द भी मिट जाते हैं।

पर जो गहरे घाव,
मन के भीतर लगते हैं,
वो हर धड़कन के संग,
फिर से जी उठते हैं।

न कोई मलहम,
न कोई दवा कारगर,
इन घावों को बस,
सहेजना ही है बेहतर।

ये घाव सिखाते हैं,
जीवन का एक पाठ,
हर दर्द के पीछे छुपा,
कोई अटल सत्य का साथ।

तो मन के जख्मों को,
बस प्यार से थाम लो,
दर्द की इस धारा में,
खुद को पहचान लो।

क्योंकि मन का घाव ही,
तुम्हें मजबूत बनाएगा,
और जीवन के हर मोड़ पर,
नया सूरज दिखाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar #sad_quotes  हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

Writer Mamta Ambedkar

#love_shayari प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

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White हम सफ़र 

हज़ार फासले होने के बावजूद
  बडा सुकून हमें तेरा  ख्याल देता है
 
हज़ार फासले होने के बावजूद
हज़ार फासले होने के बावजूद,
तेरा ख्याल दिल को उजाल देता है।
दूर रहकर भी जो पास लगे,
ऐसा एहसास तेरा कमाल देता है।

तेरी यादें बसी हैं सांसों में,
हर धड़कन तुझसे सवाल करता है।
क्यों दूरी का शिकवा करें,
जब तेरा ख्याल ही जवाब देता है।

बिछड़ने का ग़म होता है पर,
तेरे ख्याल से हर दर्द टल जाता है।
जैसे दूर चाँद को देखकर भी,
मन को उसका नूर बहाल देता है।

इस दिल का क्या हाल कहें,
जो हर घड़ी तुझे पुकार देता है।

©Writer Mamta Ambedkar #love_shayari  प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

Writer Mamta Ambedkar

#Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

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White बारिश की बूंदे

कितनी ख्वाहिश थी,
बारिश की बूंदों को,

आसमान से गिरकर,
जमीन में दफ्न होने की।

वो जो ऊंचाइयों में,
बादलों की गोद में थीं,

हर एक लम्हा सोचती थीं,
धरती की मिट्टी से मिलने को।

चमकते सूरज के डर से,
बादलों में छुपती रहीं,

पर दिल में हसरत थी,
जमीन की आगोश में समाने की।

फिर एक दिन बादलों ने भेजा 
उन्हें धरती को तोहफा बनाकर,

जीवन को सींचने,
और प्यास बुझाने।

गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर,
हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर,

मिट्टी की खुशबू में,
अपने अस्तित्व को मिटाने।

दफ्न होकर मिट्टी में,
वो बूंदें मुस्कुराईं,

कि उनकी ख्वाहिश ने,
जीवन को एक नई कहानी सुनाई।

ख्वाहिशें भी ऐसे ही,
अधूरी नहीं रहतीं,

आसमान से गिरकर,
ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं।

राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री

©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status  प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात  हिंदी कविता कविता कोश कविता

Supriya Jha

बेटी की विदाई

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विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।।
जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है।
आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।।
बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है।
मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।।
पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है।
मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।।
कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है।
मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।।
आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है।
पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।।
विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है।
बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।।

©Supriya Jha बेटी की विदाई

Kirbadh

#ramleela कविता हिंदी कविता प्रेम कविता

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इस क़दर 
मुहब्बत है तुझसे 
ग़र बयां कर दें
तो, तूफ़ान मचा दे
तेरे शहर में
तभी तो ख़ामोश 
रहते हैं

©Kirbadh #ramleela  कविता हिंदी कविता प्रेम कविता

Writer Mamta Ambedkar

#Parchhai हिंदी कविता मराठी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता प्यार पर कविता

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किताबों पर धूल 

किताबों पर धूल जम जाने से
कहानियां खत्म नहीं होती,

वे पन्नों के बीच छुपी हुई
अब भी ज़िंदा होती हैं।

अधूरी सांसें, बिखरे ख्वाब,
और उन लफ्जों का वजूद,

हर एक अक्षर में बसे होते हैं
सदियों के अनगिनत राग।

धूल का ये पर्दा शायद
छुपा ले कुछ यादों को,

पर जब कोई हाथ बढ़ाता है,
हर किरदार फिर मुस्कुराता है।

कभी एक बच्चे की आंखों में
सपनों की नई चमक सी,

तो कभी किसी बूढ़े के मन में
बीत चुकी बातें फिर से ताज़ा सी।

किताबें यूँ ही नहीं मिटती,
उनमें दर्ज होती हैं ज़िंदगियाँ,

जो वक्त की गर्द में भी
हमेशा अनसुनी, अनछुई रहती हैं।

कहानियां खत्म नहीं होतीं,
वो बस इंतज़ार करती हैं,

एक नए सफर, एक नई आँख,
और एक नए मन की।

©Writer Mamta Ambedkar #Parchhai  हिंदी कविता मराठी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता प्यार पर कविता
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