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amit Kumar kaushik
अकाश अगर हम तुमसे ना मिले होते हैं तो हम जिंदगी की डगर पर भटक ही चुके होते कोई हमारा न होता हम कीसी के ना होते अगर राह में हम से मिल जाता कोई तो क्या हम उस के शुक्र गुजार न होते। आज राहें इस ओर हैं तो कल किसी ओर पल में भटकता है राही राह को तो पल में मंज़र कुछ ओर होता हैं।दुनिया में आता है आदमी राही बनकर राह बनाना तो उस का काम होता है।आदमी आता है दुनिया में कुछ मकसद पुरा करने को यह मकसद तो ऊपर वाले का गुलदस्ता होता हैं जिस के फुलो को आदमी मोतियों कि माला में पिरोकर अपनें मकसद का निर्वाह करता है। आदमी चाहे फुरसत के पलों में हो या न हो उस को ईश्वर द्वारा परापत यह गुलदस्ता सवीकार कर के पल में ऐसा आसीयाना बनानें पर तत्पर रहना चाहिए जहाँ पर एक एक आदमी दुसरे आदमी के लिए तत्पर रहना चाहिए कथित
amit Kumar kaushik
अकाश अगर हम तुमसे ना मिले होते हैं तो हम जिंदगी की डगर पर भटक ही चुके होते कोई हमारा न होता हम कीसी के ना होते अगर राह में हम से मिल जाता कोई तो क्या हम उस के शुक्र गुजार न होते। आज राहें इस ओर हैं तो कल किसी ओर पल में भटकता है राही राह को तो पल में मंज़र कुछ ओर होता हैं।दुनिया में आता है आदमी राही बनकर राह बनाना तो उस का काम होता है।आदमी आता है दुनिया में कुछ मकसद पुरा करने को यह मकसद तो ऊपर वाले का गुलदस्ता होता हैं जिस के फुलो को आदमी मोतियों कि माला में पिरोकर अपनें मकसद का निर्वाह करता है। आदमी चाहे फुरसत के पलों में हो या न हो उस को ईश्वर द्वारा परापत यह गुलदस्ता सवीकार कर के पल में ऐसा आसीयाना बनानें पर तत्पर रहना चाहिए जहाँ पर एक एक आदमी दुसरे आदमी के लिए तत्पर रहना चाहिए कथित
Ratan Kumar
तेरे बगैर ही अच्छे थे ये क्या मुसीबत है ये कैसा प्यार है हर दिन जताना पड़ रहा है ©Ratan Kumar कथित बातें #intimacy
maher singaniya
व्यक्ति का चेहरा नहीं, चरित्र पूजा जाता हैं गोरा रंग दो चार दिन ही अच्छा लगता है पर अच्छा व्यवहार जीवन भर अच्छा लगता है कुदरत के द्वारा चेहरे का जो रंग मिलता था, सो मिल गया... अब इस में कोई कुछ नहीं कर सकता... हां...! हम भले ही चेहरे का रंग नहीं बदल सकते पर जीने का ढंग तो बदल ही सकते है आपको पता है कि जीवन विकास में चेहरे की भूमिका 15 प्रतिशत है जब कि चरित्र की भूमिका 85 प्रतिशत हैं... ©maher singaniya व्यक्ति रूप से नहीं चरित्र से पहचानी जाती हैं...
Narendra Sonkar
Life in 5 Words कोख से जन्मे जीव के रूप में 'जिंदगी-मौत' का उद्घाटन होता है ©Narendra Sonkar "कोख से जन्मे जीव के रूप में"