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Anjuu
White बेनाम_सी मोहब्बत पहले, फिर बेनाम_सी बंदगी बेनाम_से अरमान सारे अब बेनाम_सी ये ज़िंदगी ©Anjuu #safar कोई तुमसे पूछे कौन थी मैं? कह देना "अतीत"।
Bhanu Priya
मैं उसे मासूम कहती रही , मेरे लिए जो झूठ को भी सच कह देती है , मैं जानती नहीं थी कि वो आंखे भी पढ़ लेती है । ©Bhanu Priya मैं उसे मासूम कहती रही , मेरे लिए जो झूठ को भी सच कह देती है , मैं जानती नहीं थी कि वो आंखे भी पढ़ लेती है । Ak.writer_2.0 Neel Ravi Ranjan
Mehfuza
White कैसे समझाऊं तुम्हे! तुमसे मोहब्बत मेरे इख़्तियार मैं नहीं थी। ©Mehfuza #Moon कैसे समझाऊं तुम्हे! तुमसे मोहब्बत मेरे इख़्तियार मैं नहीं थी।
pramod malakar
अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का 1111111111111111111111111111 शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है , अर्धांगिनी नहीं , लक्ष्मी घर आई है, खामोशियां नहीं खुशियां घर लाई है। मुर्झाए चेहरों पर मुस्कराहट लुटा रही है, बिगड़ैल पति को प्यार से संवार रही है। अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का , जन्म दाता है तुम्हारे संहार का। आज का दिन बहुत खाश है इतिहास बना लो, पत्नी जिंदगी कि सांस है , तन में बसा लो। वक्त चक्र है मिलकर संस्कृति बचालो।। मालाकार संस्कार है हर पंक्ति का, पति - पत्नी के सात्विक शक्ति का। एक हाथ में गुलाब दुसरे में कमल थाम लो, मन से प्यार , दिल से भाजपा को मान लो। घर भी चमकाएंगे , देश भी चमकाएंगे यह ठान लो। प्यार दूसरों के घर से चलकर तुम्हारे घर आई है, माता पिता भाई बहन को रुलाकर तुम्हें हंसाई है। तुम्हें भगवान मान कर तुम्हारा घर बसाई है, शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है।। ######################### कवि - प्रमोद मालाकार ©pramod malakar #अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का।
"Vibharshi" Ranjesh Singh
Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh मैं भी एक बिहारी हूं