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Parul Sharma
White हकीकत भाँप लेती है सारे विप्लवों को साकार होने से पहले ©Parul Sharma #sad_quotes विप्लव --उत्पात, उपद्रव,परचक्र भय
#sad_quotes विप्लव --उत्पात, उपद्रव,परचक्र भय
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreनवनीत ठाकुर
White त्रिशूल की धार, जटा में गंगा, भस्म का तन, शिव का रंगा। काल भी जिनके आगे सिर झुकाले, शिव के बिना कौन सृष्टि संभाले। माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष। कैलाश का वासी, सबके सहारे, शिव के बिना सब जगत अंधकारे। गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल, शिव की भक्ति से कट जाए हर भूल। महाकाल का जिनको मिले सहारा, भक्त का जीवन खिले सारा। भांग-धतूरा चढ़े जिनके सिर, ध्यान मात्र से उनके मिट जाए भय, शिव की महिमा अपार और स्थिर। ©नवनीत ठाकुर #ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
#ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
read moreAnjali Jain
White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain #sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार
#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार
read moreआगाज़
कभी किसी को ,, इतना भी नही डराना चाहिए , कि उसके अंदर का डर ही खत्म हो जाए । और वह महाविनाश का तांडव शुरू कर दे,,। नसीहत है रख लीजिए 😊 श्रद्धा ' मीरा' ✍🏻 ©आगाज़ भय से निर्भय
भय से निर्भय
read moreRam Yadav
White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया, सांसों की मोहलत खरीदने के लिए ।।।।।।।।। अफसोस,, समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला, एक कतरा सांस के लिए ।।।।।।🥹।।।।।।। सारी किताबें लिखी पड़ी है अमर होने का वरदान मांगने वालों से । पता नहीं, अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं ।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav #love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म
#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी है जिंदगी जरा मुस्करा दे दौड़ तेरे मन की खत्म ना होगी ईश्क ही सब मर्ज की दवा है जरा अपने को अच्छे से समझा ले बेहतर जिंदगी ,हर हाल में खुश रहने में है दौड तेरी कभी खत्म नही होगी सजे है मेले आकर्षण के जग में इन मे रमने से,तृप्ति कभी पुरी नही होगी छोड़ दिये तूने अंहकार में अपने रिश्ते गरीबी अमीरी अवस्थाओं के अधीन है धन लोलुपता भय और बीमारी है इससे हक किसी का छीनता जरूर है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धन लोलुपता भय और बीमारी है #nojotohindi
#sad_quotes धन लोलुपता भय और बीमारी है #nojotohindi
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