Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कमलेश्वर का व्यक्तित्व और कृतित्व Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कमलेश्वर का व्यक्तित्व और कृतित्व from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कमलेश्वर का व्यक्तित्व और कृतित्व.

MD Iftekhar

कहावत कौआ और कान का

read more
एक बहुत ही पॉपुलर कहावत है
कौआ कान बाला क्या है ये कहावत हमें बताएं

©MD Iftekhar कहावत कौआ और कान का

BANDHETIYA OFFICIAL

#GoodMorning #गलती और पाप का घड़ा 😥

read more
White कोई घड़ी होती है, बुरा ही बुरा होता है,
ताउम्र चलता है जो, घड़ी का घड़ा होता है,
भरता है पाप जैसे, दर्द वो बड़ा होता है,
टूट ही जाता सपना, बवंडर खड़ा होता है,
झेलो वो पागल सनकी,
करो खूब अपने मन की,
छन छन छनती है वो,
गलती जो होती क्षण की।

©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodMorning #गलती और पाप का घड़ा 😥

shree

# व्यक्तित्व

read more
White कोई पद पर रहते हुए आपको  सम्मान देता है तो हो सकता है ये उसकी मजबूरी है, लेकिन पद पर ना रहकार भी आपको सम्मान मिले तो ये आपके व्यक्तित्व की धुरी है।

                                              जयश्री

©shree # व्यक्तित्व

Parasram Arora

फुल का उदय और अंत

read more
White जिस फुल को सुबह
 मैंने उगते देखा था 
उसी सांझ उसे मैंने 
मुरझा कर धरती पर 
बिखरते देखा.

और ये भी सच है 
उसी फूल को मैंने सुबह 
हँसते और महकरे हुए 
देखा था  लेकिन 
उसी साँझ उसे मैने 
धरती पर उसे 
दहाड़े मार कर  
रोते हुए भी देखा था

©Parasram Arora  फुल  का उदय और अंत

RV Chittrangad Mishra

#SunSet श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता -

read more
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset 
श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता

©RV Chittrangad Mishra #SunSet
श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता 
-

ranjit Kumar rathour

मै वहीँ और जगह वहीँ (2024 का आखिरी din)

read more
साल आखिरी दिन था 
अपने सफर से घर कि ओर 
चल पड़ा था 
कि याकयक याद कोई आ गया 
सोचा उसके घर के सामने से जाना है 
देख लेता उसे 
मिल लेता उसे 
करीब से देख लेता 
साल कि आखिरी मुलाक़ात 
सोचता हुआ निकला 
मगर ये कैसे था संभव 
एकाएक दरवाजे से गुजरा 
मेरी बाइक रुक गयी
वो भागी आयी बोली 
बोलिए!क्या कहता 
सो कहा आज़ आखिरी साल है 
कल बदल जायेगा 
तुम 2024 ही रहना 
बदलना नहीं यही कहना था 
हा मिलूंगा कल भी 2025मे 
थोड़ी निखरी निखरी बहकी बहकी 
मिली थी एक अभिवादन था 
जिसमें था हम वहीँ है और वहीँ पर

©ranjit Kumar rathour मै वहीँ और जगह वहीँ 
(2024 का आखिरी din)

Matangi Upadhyay( चिंका )

अपने व्यक्तित्व की मौत 🤔 #matangiupadhyay #Hindi Life #thought

read more
अकेले में फूट फुट कर रोना
 और फिर अपनी सारी परेशानी चिंता और
 मानसिक तनाव को झूठे मुस्कान तले दबाकर
 लोगों के सामने यह दिखाना की
 हम बहुत खुश है
 मेरा सारा अवसाद खत्म हो चुका है
 मैं अपना जीवन खुशी से जी रहा हूँ, 
गम क्या होता है 
ये हम जानते ही नहीं है 
हमने कभी दुःख झेला ही नहीं है 
लेकिन अगले ही पल मे
 आप बेहद गम्भीर अवस्था में होते है 
और गहरी सोच में चले जाते है,
 फिर कब सुबह होती है और कब रात, 
कुछ नहीं समझ पाते 
बस अकेलेपन में रह जाते है 
और ये होती है वास्तविक तकलीफ 
 ये होती है अपने व्यक्तित्व की मौत..!

©Matangi Upadhyay( चिंका ) अपने व्यक्तित्व की मौत 🤔
#matangiupadhyay #Nojoto #Hindi  #Life #thought

Parasram Arora

भक्त और भगवान का रिश्ता

read more
Unsplash भक्त और भगवान
 का रिश्ता दिख जाता 
है कभी कभी मंदिरो मे 

अच्छा लगता 
भगवान को अगर
 उसे तुमने अपने घर 
बुला कर पूजा होता

©Parasram Arora भक्त और भगवान का रिश्ता

Praveen Jain "पल्लव"

#Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो

read more
पल्लव की डायरी
हर युग मे चलन व्यवस्था का बदला है
कभी समाजिक व्यवस्था का चलन
कभी पंचायते न्याय करती थी
राजा रजवाड़े सब आये और गये
मगर नैतिकता मूल रूप से सर्वोपरि रहती थी
अब लोकतंत्र और संसदीय परम्परा है
प्रतिनिधि सब जनता के होते है
नीयत और सेवा का भाव हो तो
कोई भी व्यवस्था सफल हो सकती है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो

Parasram Arora

सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ

read more
Unsplash सभ्यता क़ी छीद्रित  टोकरी
को उलट कर 
अब न जाने उसमे क्या कुछ संग्रहित करने क़ी चेष्टा क़ी जा रहीं है
 
सस्कृति का धुँवा अब विषैला हो चुका और समपूर्ण राष्ट्र के वातायन को कालीख पोत कर  स्याह करने  क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है

इसके बावजूद हमारे राजनेताओं द्वारा ऐसी सभ्यता और संस्कृति को बरकरार रखने क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है

©Parasram Arora सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile