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MD Iftekhar
एक बहुत ही पॉपुलर कहावत है कौआ कान बाला क्या है ये कहावत हमें बताएं ©MD Iftekhar कहावत कौआ और कान का
कहावत कौआ और कान का
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White कोई घड़ी होती है, बुरा ही बुरा होता है, ताउम्र चलता है जो, घड़ी का घड़ा होता है, भरता है पाप जैसे, दर्द वो बड़ा होता है, टूट ही जाता सपना, बवंडर खड़ा होता है, झेलो वो पागल सनकी, करो खूब अपने मन की, छन छन छनती है वो, गलती जो होती क्षण की। ©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodMorning #गलती और पाप का घड़ा 😥
#GoodMorning #गलती और पाप का घड़ा 😥
read moreshree
White कोई पद पर रहते हुए आपको सम्मान देता है तो हो सकता है ये उसकी मजबूरी है, लेकिन पद पर ना रहकार भी आपको सम्मान मिले तो ये आपके व्यक्तित्व की धुरी है। जयश्री ©shree # व्यक्तित्व
# व्यक्तित्व
read moreParasram Arora
White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सांझ उसे मैंने मुरझा कर धरती पर बिखरते देखा. और ये भी सच है उसी फूल को मैंने सुबह हँसते और महकरे हुए देखा था लेकिन उसी साँझ उसे मैने धरती पर उसे दहाड़े मार कर रोते हुए भी देखा था ©Parasram Arora फुल का उदय और अंत
फुल का उदय और अंत
read moreRV Chittrangad Mishra
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता ©RV Chittrangad Mishra #SunSet श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता -
#SunSet श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता -
read moreranjit Kumar rathour
साल आखिरी दिन था अपने सफर से घर कि ओर चल पड़ा था कि याकयक याद कोई आ गया सोचा उसके घर के सामने से जाना है देख लेता उसे मिल लेता उसे करीब से देख लेता साल कि आखिरी मुलाक़ात सोचता हुआ निकला मगर ये कैसे था संभव एकाएक दरवाजे से गुजरा मेरी बाइक रुक गयी वो भागी आयी बोली बोलिए!क्या कहता सो कहा आज़ आखिरी साल है कल बदल जायेगा तुम 2024 ही रहना बदलना नहीं यही कहना था हा मिलूंगा कल भी 2025मे थोड़ी निखरी निखरी बहकी बहकी मिली थी एक अभिवादन था जिसमें था हम वहीँ है और वहीँ पर ©ranjit Kumar rathour मै वहीँ और जगह वहीँ (2024 का आखिरी din)
मै वहीँ और जगह वहीँ (2024 का आखिरी din)
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
अकेले में फूट फुट कर रोना और फिर अपनी सारी परेशानी चिंता और मानसिक तनाव को झूठे मुस्कान तले दबाकर लोगों के सामने यह दिखाना की हम बहुत खुश है मेरा सारा अवसाद खत्म हो चुका है मैं अपना जीवन खुशी से जी रहा हूँ, गम क्या होता है ये हम जानते ही नहीं है हमने कभी दुःख झेला ही नहीं है लेकिन अगले ही पल मे आप बेहद गम्भीर अवस्था में होते है और गहरी सोच में चले जाते है, फिर कब सुबह होती है और कब रात, कुछ नहीं समझ पाते बस अकेलेपन में रह जाते है और ये होती है वास्तविक तकलीफ ये होती है अपने व्यक्तित्व की मौत..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) अपने व्यक्तित्व की मौत 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi #Life #thought
अपने व्यक्तित्व की मौत 🤔 #matangiupadhyay #Hindi Life #thought
read moreParasram Arora
Unsplash भक्त और भगवान का रिश्ता दिख जाता है कभी कभी मंदिरो मे अच्छा लगता भगवान को अगर उसे तुमने अपने घर बुला कर पूजा होता ©Parasram Arora भक्त और भगवान का रिश्ता
भक्त और भगवान का रिश्ता
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हर युग मे चलन व्यवस्था का बदला है कभी समाजिक व्यवस्था का चलन कभी पंचायते न्याय करती थी राजा रजवाड़े सब आये और गये मगर नैतिकता मूल रूप से सर्वोपरि रहती थी अब लोकतंत्र और संसदीय परम्परा है प्रतिनिधि सब जनता के होते है नीयत और सेवा का भाव हो तो कोई भी व्यवस्था सफल हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो
#Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो
read moreParasram Arora
Unsplash सभ्यता क़ी छीद्रित टोकरी को उलट कर अब न जाने उसमे क्या कुछ संग्रहित करने क़ी चेष्टा क़ी जा रहीं है सस्कृति का धुँवा अब विषैला हो चुका और समपूर्ण राष्ट्र के वातायन को कालीख पोत कर स्याह करने क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है इसके बावजूद हमारे राजनेताओं द्वारा ऐसी सभ्यता और संस्कृति को बरकरार रखने क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है ©Parasram Arora सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ
सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ
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