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Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** आजमाइश *** " क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं , मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं , फिर बेजोर तौर पें तेरा होने का आजमाईश की जाये , फिर जाने तुम किसकी ख्वाहिश की तलब किये हो , क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं , मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं , रुखसत करें की क्या करें तेरे बगैर ही रहा जाये , तसव्वुर के ख्यालों में फिर किसी की आजमाइश की जाये , मिला है तो मिल बर्ना कभी ऐसे कभी फ़ुर्क़त हुई ना हो , रफ़ाक़त के कुछ सलीके तु मुझपे आजमायें तो सही तो सही हैं , रह रह के उठता है गुब्बार तेरा , तु भी कभी मुझे इस सलीके से आजमायें सही , क्या बतायें कि क्या आजमायें अब , मुहब्बत की कौंन सी तिलिस्म आजमायें है, वो आती हैं और चली जाती मेरी ख़्वाहिशों में , कि अब कौन सा क़सम दे उसे जो वो रुक जाये अब . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** आजमाइश *** " क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं , मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं , फिर बेजोर
PB Creator
White ....एक शब्द सब बयां कर देता हैं। ""एहसास"" ©PB Creator क्यो चुप रहे कर भी समझ लेता हैं कोई किसी को।। क्यो उसे बिना बताये भी सब कहाँ देता हैं कोई किसी को।। एक एहसास ही तो हैं जो सब कहाँ देता
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१ प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा । वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२ फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया । कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३ मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो । देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४ जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया । मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५ पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच । माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६ कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया । जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१
Sangeeta Kalbhor
फकत इतना.. फकत इतना ही चाहा था तुमसे कि इश्क मेरा मुकर्रर हो जाये कितना चाहती हूँ मैं तुम्हें तुम्हें इतना ही समझ में आये वो रातों का जागना वो नींद का त्यागना वो शब्दों में खो जाना वो आँखों का भर आना हम जहाँ जहाँ भी जाये तुम्हारे ही साथ होते थे साये कितना चाहती हूँ मैं तुम्हें तुम्हें इतना ही समझ में आये वो लुभावनी बातें वो सुहानी शरारतें वो दिलचस्प यादें वो खुशनुमा वादें तुम्हें कितना और कैसे हम सच सच बताये कितना चाहती हूँ मैं तुम्हें तुम्हें इतना ही समझ में आये..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor फकत इतना.. फकत इतना ही चाहा था तुमसे कि इश्क मेरा मुकर्रर हो जाये कितना चाहती हूँ मैं तुम्हें तुम्हें इतना ही समझ में आये वो रातों का जागन
Rameshkumar Mehra Mehra
कैसे बताॅऊ उसे..... मै कुछ कह भी तो नही पाता...! बिना बताये उसे मै.... एक पल रह भी नही पाता...!! वदल देता हूँ..... मैं बाते अकसर.... उसे खोने के डर से...!!! कि बिन कहे ही.... अपने प्यार का एहसास उसे....!!!! मैं करा भी तो नही पाता.... रहता हूँ बेताब... बेकरार बेचैन ,उसके बगैर मै...... पर उसे अपनी ये बेबसी मैं.... समझा भी नही पाता..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # कैसे बताॅऊ उसे,मैं कुछ कह भी तो नही पाता,बिना बताये उसे मैं,एक पल रह भी नही पाता,बदल देता हूँ,मैं बाते अकसर,उसे खोने से...
RV Chittrangad Mishra
टूटना था दिल टूट गया अफसोस मनायें क्या? गम ये खुद ही सहना है औरों को बतायें क्या? समंदर सा मैं बैठा हूं अपनी खामोशी थामें मैं| अपनी गहराई की हद को सबको दिखायें क्या? ©RV Chittrangad Mishra #achievement टूटना था दिल टूट गया अफसोस मनायें क्या गम ये खुद ही सहना है औरों को बतायें क्या समंदर सा मैं बैठा हूं अपनी खामोशी थामें मैं अपन
Mansee Chaurasia
BROKENBOY
हक़ीक़त को तुम और न हम जानते हैं। मुहब्बत को बस इक भरम जानते हैं। मैं क्या इसके बारे में मंज़िल से पूछूँ, थकन मेरी मेरे क़दम जानते हैं। हमें भूल जाने की आदत है लेकिन, तुम्हे हम तुम्हारी क़सम जानते हैं। है छुपना कहाँ और बहना कहाँ है, ये आंसू सब अपना धरम जानते हैं। छलकती है क्यों आँख हमको पता है, कहाँ सब बिछड़ने का ग़म जानते हैं दिया तो है मजबूर कैसे बताये उजालों की तकलीफ तम जानते हैं है जो कुछ मयस्सर हमें इस जहाँ में हम उसको खुदा का करम जानते हैं। ©BROKENBOY #hugday हक़ीक़त को तुम और न हम जानते हैं। मुहब्बत को बस इक भरम जानते हैं। मैं क्या इसके बारे में मंज़िल से पूछूँ, थकन मेरी मेरे क़दम जानते
Garuna_Anurag
मुझसे कई लड़किया कहती हैं जिसे तुम प्यार करते हो कितनी ख़ुशनसीब होंगी लेकिन उन्हें अब कौन बताये जिसे मैं मोहब्बत करता हू वो मुझसे मोहब्बत नहीं करती। ©Garuna_Anurag #loversday मुझसे कई लड़किया कहती हैं जिसे तुम प्यार करते हो , कितनी ख़ुशनसीब होंगी लेकिन उन्हें अब कौन बताये जिसे मैं मोहब्बत करता हू, वो