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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छित । खबर यही हो फ्रंट , सभी के मन हो हर्षित ।। हम भी हैं इंसान , करें हम सब मजदूरी । लू की लगे लपेट , मगर हम पर मजबूरी ।। सोचो कुछ सरकार , मिला हमको भी जीवन । भीषण गर्मी आज , झुलस्ता अपना तन-मन ।। आज नही कुछ हाथ , बनाओ आप प्रयोजन । किया सभी ने घात , दिखाकर हमें प्रलोभन ।। रोको आज विकास , जिसे सुख सुविधा कहते । करो प्रकृति शृंगार, जहाँ जन-मन हैं रहते ।। कुछ तो हो सरकार , अमल अब इन बातों पे। आये सुख की भोर, मेघ गायें रातों पे ।। बदले जीवन चाल , झूम जाये जग सारा । चाहोगे जब आप , तभी चमकेगा तारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ #कविता
read moreLakshita kumar/Pravesh kumar
कभी हार न माने.. हमेशा भरोसा रखें.. ऊपर वाला आपके साथ हैं.. #Bhakti
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} सभी के साथ विनम्र रहे, पर कुछ ही के साथ अन्तरंग हों, और इन कुछ को अपना विश्वास देने से पहले अच्छी तरह परख लें, और सही समय पर सही बात माने व सही बात कहे, झूट का साथ अपने मतलब के लिए भी साथ न दे।। जय श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #flowers {Bolo Ji Radhey Radhey} सभी के साथ विनम्र रहे, पर कुछ ही के साथ अन्तरंग हों, और इन कुछ को अपना विश्वास देने से पहले अच्छी तरह पर
Devesh Dixit
काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।। काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम। जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।। काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान। विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।। काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन। मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।। .......................................................... देवेश दीक्षित. ©Devesh Dixit #काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा
#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा #Poetry #sandiprohila
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , #कविता
read moreअदनासा-
Men walking on dark street निरंकुश हर सत्ता को जनता का जवाब जनता को पंगु बनाती फ्री का राशन, और फ्री विद फियर का भाषण नही, मेहनत के बुते कमाई हुई दाल रोटी, काम, मकान और रोज़गार चाहिए। हमें अनेकों धार्मिक स्थलों से ज़्यादा, महाविद्यालय और अस्पताल चाहिए, लघु परंतु प्रभावी व्यवसाय के साथ, अच्छी शिक्षा अच्छा शासन चाहिए। ये जात-पात ऊंच-नीच की जंग नही, मानवता एवं एकता का संग चाहिए, लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही नही, एक और लाल बहादुर शास्त्री चाहिए। ©अदनासा- #हिंदी #भाषण #लोकतंत्र #देश #शासन #Emotional #नेता #लालबहादुरशास्त्री #Instagram #अदनासा
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । प्रीति के जो हैं सतायें ईश को ही ढूढ़ते ।। लोग क्यों माने बुरा जो आपसे ही प्रेम है । आपके तो संग मेरी ज़िन्दगी ही क्षेम है ।। १ भूल जाये आपको ऐसा कभी होगा नहीं । दूर हूँगा आपसे ऐसा कभी सोचा नहीं ।। प्रीति तेरी है बसी वो रक्त के प्रावाह में । खोज पाता है नहीं संसार मेरी आह में ।। २ प्रीति का व्यापार तो होता नहीं था देख लो । प्रीति में कैसे हुआ है सोंच के ही देख लो ।। प्रेम में तो हारना है लोग ये हैं भूलते । जीत ले वो प्रेम को ये बाट ऐसी ढूढ़ते ।। ३ प्रेम कोई जीत ले देखो नही है वस्तु ये । प्रेम में तो हार के होता नही है अस्तु ये ।। प्रेम का तो आज भी होता वहीं से मेल है । प्रीत जो पाके कहे लागे नहीं वो जेल है ।। ०१/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते ।
सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Vishnu Bhagwan दोहा :- कर्म रखो बस ध्यान तुम , सोचों मत परिणाम । देने वाला और है , तू कर अपना काम ।। कुण्डलिया:- जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम । करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।। मिले मुझे आराम , कृपा अब रघुवर कीजै । सह जाऊँ मैं पीर , और अब साहस दीजै ।। विनय प्रखर की आज , सुना रघुनंदन माने । स्वप्न दिखाया दास , छोड़ अब हम सब जाने ।। २९/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- कर्म रखो बस ध्यान तुम , सोचों मत परिणाम । देने वाला और है , तू कर अपना काम ।। कुण्डलिया:- जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम । क
दोहा :- कर्म रखो बस ध्यान तुम , सोचों मत परिणाम । देने वाला और है , तू कर अपना काम ।। कुण्डलिया:- जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम । क #कविता
read moreBharat Bhushan pathak
मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी, किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया है। लुटी बच्चों ,कि है बचपन,सुहागिन माँग सूनी की, भुलाई चैन कितनों ने,किसी की नींद छीनी है। सरल देना ,यहाँ भाषण,लगे आसान भी नारे, मुसीबत तब,यहाँ होती,लहु माँगे,अगर धरती। अहित ना देश का करना,भले हो पेट भी परती।। ©Bharat Bhushan pathak #shaheeddiwas #nojotohindi#nojotopoetry#abhivyakti#23rdmarch मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी, किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया
#shaheeddiwas #nojotohindi#nojotopoetry#abhivyakti#23rdMarch मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी, किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया #Poetry
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