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Akshita Gautam
नियत हीं नियति तय करती है ©Akshita Gautam सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
read moreSarfaraj idrishi
White मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक मुझको हवा से बचाए रखो सवेरे तक ! ©Sarfaraj idrishi #happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad Raj-Simran Laj Kumar Praveen Storyteller I
#happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad Raj-Simran Laj Kumar Praveen Storyteller I
read more- Arun Aarya
23-12-2024 बहोत ज़्यादा तलाशने के बाद मिला है , तब जाकर ज़िंदगी मुझें आबाद मिला है ! तुम भागते-फिरते रहो नौकरी-छोकरी के पीछे ,, मैं इसी में ख़ुश हूँ जो मुझें ज़ायदाद मिला है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
#HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी प्रीत की टूटी डोर ,पैसा प्यार को लील गया घर बसाने का दामोदार था जिस पर वो दरारे लालचो की डालने में पड़ गया दहेज एक्ट बन गया औरतो का हथियार डर कर आदमी अब सहम गया नारी सशक्तिकरण का रूप देखो अस्तित्व पुरुषों का इस जहाँ से खो गया इज्जत की बागडोर पुरुषों ने थामी है बरना औरतो ने लाज शर्म का पर्दा उतार दिया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
#againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी लाज शर्म के पर्दे खत्म प्रदर्शन जिस्मो के है घरो परिवारों से सुशोभित थी नारी वह आज फूड कल्चरो में है नर की बराबरी पर आने के लिये सारी हदें तोड़ने पर है हाथ बटाने नही परिवारों के साजिशों के तहत बाजारों में है अंग अंग की सजती नुमाइश आबाद कॉस्मेटिक ,ब्यूटी पार्लर फैशनों के सिम्बल है खुद शिकार है नारी बदलाव के लिये लज्जा शर्म संस्कारो को छोड़कर प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म
#chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म
read moreनवनीत ठाकुर
महफिल में बैठो फक्त, दोस्त के भेष में रकीब की भी जानकारी रखो। मंजिल की तैयारी अधूरी न हो कभी, हार को जीत में बदलने की कलाकारी रखो। हुनर हो हाथों में न कोई, खालिस कुछ कर गुजरने की खुमारी रखो। बात करना किसीसे छोड़ें नहीं, जो अल्फ़ाज़ असर छोड़ जाए, वो समझदारी रखो। लफ्ज़ निकले तो वो शेर सा चमके, शायरी में अपने दिल की अदाकारी रखो। शायरी हो या हो कोई फिक्र-ओ-जुनून, उसमें अपनी असल अदाकारी रखो। कभी न भूलो अपनी राहों का इरादा, मंजिल जो भी हो नज़र शिकारी रखो। सपनों में रंग हो या हकीकत में कोई वीरानी, अपने हौसलों में जीत की सवारी रखो। जो भी करना है, वो पक्की उम्मीद की खुद्दारी रखो। ©नवनीत ठाकुर जीत की तैयारी रखो
जीत की तैयारी रखो
read moreनवनीत ठाकुर
जिन्दगी के उतार-चढ़ाव में नीयत कहीं डोल न जाए, बावजूद इसके कीमत अपनी भारी रखो। जमाने भर की नफ़रतों के बावजूद, मोहब्बत यूं ही जारी रखो। तुमसे बढ़कर कोई नहीं है इस जहाँ में, इसलिए खुद को सबसे खास जारी रखो। अच्छाई के रास्ते पर चलते रहो हर दम, हर उलझन के बावजूद नेकियां जारी रखो। रुख हवा का हो या दुनिया बदल जाए, अपने दिल की आवाज़ भारी रखो। सफेद कपड़ों पर दाग लग न जाए, तबियत अपनी साफ रखो। दब जाना नहीं ऊंची आवाज़ के तले, अलग अपनी एक पहचान रखो। आ जाएं किसी के भी काम, राहत हमेशा सरकारी रखो। बुरा वक्त आए न किसी का, हाथ बढ़ाने में सरदारी रखो। दूसरों के दुःख-सुख में भागीदार बनो, अपने दिल में इंसानियत की सवारी रखो। ©नवनीत ठाकुर #मुहब्बत अपनी जारी रखो
#मुहब्बत अपनी जारी रखो
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