Find the Latest Status about 'mahabharat च कीर्तन' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'mahabharat च कीर्तन'.
hemlata25011964gmailcom
White ❤️❤️❤️❤️ 🌹🌹 तेरी चाहत के चक्कर मे तेरे लिये मेने पलके बिछाई है तेरे लिये जी रही हु मगर मे अनधेरे लिये 🙏🙏 ©hemlata25011964gmailcom #sad_quotes #नोजोतो # च चाहत एक कसक
#sad_quotes #नोजोतो # च चाहत एक कसक
read moreSumitGaurav2005
मैं सूर्यपुत्र होते हुए भी, सूत पुत्र कहलाया थ। कुंती माँ मुझे जना तू ने, परन्तु राधेय कहलाया था। कर्ण दानवीर होते हुए भी, सबसे तिरस्कार पाया था। ऐसी क्या तेरी विवशता थी, जो तूने मुझे ठुकराया था। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 #कर्ण #karna #महाभारत #Mahabharat #Mahabharata #Sumitgaurav2005 #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Epic
N S Yadav GoldMine
White श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भावार्थ :-तुझे यह गीत रूप रहस्यमय उपदेश किसी भी काल में न तो तपरहित मनुष्य से कहना चाहिए, न भक्ति-(वेद, शास्त्र और परमेश्वर तथा महात्मा और गुरुजनों में श्रद्धा, प्रेम और पूज्य भाव का नाम भक्ति है।)-रहित से और न बिना सुनने की इच्छा वाले से ही कहना चाहिए तथा जो मुझमें दोषदृष्टि रखता है, उससे तो कभी भी नहीं कहना चाहिए ॥67॥ ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भा
#sad_quotes श्रीगीताजी का माहात्म्य:-इदं ते नातपस्काय नाभक्ताय कदाचन । न चाशुश्रूषवे वाच्यं न च मां योऽभ्यसूयति ॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} भा
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
New Year 2024-25 सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ । नव-उल्लास ! नव-विचार ! नवोत्साह ! नव-उमंग ! नव-ऊर्जा ! नववर्षम् शुभम् भवतु !! "नूतनवर्षस्य शुभाशयाः। ईश्वरः सर्वेभ्यः सुखं, स्वास्थ्यं, सौख्यं च ददातु। सर्वेषां जीवनं सफलं, समृद्धं च भवतु । नववर्षं मंगलमयम् अस्तु। ©मनोज कुमार झा "मनु" सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक श
सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक श
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म
#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म
read moreSunita Pathania