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Akash Kumar prjapati
White मेरी मां ने कहा थे बेटा प्रदेश मत जा मैने नहीं मानी तो आज मुझे मेरी मां की बहुत याद आहरही है ©Akash Kumar prjapati #Thinking मां की ममता
#Thinking मां की ममता
read moreSarfraj Alam Shayri
White ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! ©Sarfraj Alam Shayri #Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari
#Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari
read moreBrandavan Bairagi "krishna"
White ।।माँ शारदे।। माँ शारदे हम तेरी शरन। करदो कृपा माँ,करदो कृपा माँ।। भक्ति का तेरी आह्वान हैं। माता पिता तू ही भगवान है।। करूं में निशदिन पूजन भजन। निष्काम हो मेरा तुझपे समर्पन।। आस ना रख्खू मै इस दुनिया से। मोह ना रख्खू मै इस दुनिया से।। अंधकार हो चाहे गहन। करता रहूं में चिन्तन-मनन।। शक्ति का तेरी एहसास है। पूरा माँ तुम पर विश्वास है।। सतत लेखनी चलती रहे जैसे पवन। वाणी का सौंदर्य दिखता जहां होता माँ तेरा वंदन।। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" #माँ शारदे।।
#माँ शारदे।।
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White हे स्वर की देवी नमोस्तुते करुणामयी भव तार दे.. है बसंत पंचमी की प्रभा वर दे सरस्वती वरप्रदा विद्या विनय भंडार दे करुणामयी भव तार दे.. हे शारदे कमलसना वागेश्वरी हंसासना तेरी शरण माँ प्यार दे.. करुणामयी भव तार दे.. ये हिन्द की पावन धरा तेरी कृपा का है आसरा कण कण कृपा से संवार दे करुणामयी भव तार दे.. अज्ञान से प्रतिकार हो निर्मल हृदय अविकार हो ऐसा सरल संसार दे करुणामयी भव तार दे.. नयनों में हो न तम कभी भटकें न राहें हम कभी वीणा की वो झंकार दे करुणामयी भव तार दे.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #माँ सरस्वती
#माँ सरस्वती
read moremeri_lekhni_12
White रस्ते पे आँखों की बिनाई गवां बैठी है माँ, बेटा जो दूर जा बसा, दिल जला बैठी है माँ। दर-ओ-दीवार सुनते हैं फ़साना तन्हाई का, हर कोना तेरे बग़ैर वीरां बना बैठी है माँ। तेरी हँसी की रौशनी से चमकते थे जहाँ, अब उस चिराग़ की लौ बुझा बैठी है माँ। राह ताकते-ताकते धुंधला गई हैं निगाहें, मगर उम्मीद का दिया जला बैठी है माँ। हर सहर तुझसे मिलने की दुआ करती है, शबनम के साथ आँसू बहा बैठी है माँ। क्या तुझे एहसास भी है इस तड़पती रूह का? तुझसे बिछड़के ख़ुद को सज़ा दे बैठी है माँ। अगर कभी लौट आ, तो दर खुले मिलेंगे, तेरे ख़्वाबों का घर अभी बचा बैठी है माँ। 'पूनम' हर दर्द को सीने में छुपा लेती है, बेटे की राह में अपना वजूद मिटा बैठी है माँ। स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित पूनम सिंह भदौरिया दिल्ली लेखिका समाज सेविका ©meri_lekhni_12 माँ /मेरी माँ
माँ /मेरी माँ
read moreRamji Tiwari
White *माँ* माता के जैसा नहीं,जग में कोई और। खुद भूखी प्यासी रहे, हमें खिलाए कौर।। हमें खिलाए कौर, नहीं माता सम दूजा। जननी को प्रभु मान,करो तुम विधिवत् पूजा।। माँ बेटे का यहाँ,जगत में सुन्दर नाता। देवों से भी बड़ी,लोक में होती माता।। ममता अंतस में भरी, करे पुत्र को नेह। पालन पोषण के लिए,वारे अपनी देह।। वारे अपनी देह,आप गीले में सोती। चलती नंगे पाव, पुत्र को सर पर ढोती।। जग में माँ की तरह, नहीं दूजे में समता। झुकता सबका शीश,देख माता की ममता।। स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #माँ #कविता #ममता Shikha Sharma deepshi bhadauria Sudha Tripathi lumbini shejul Raushni Tripathi
संजय जालिम " आज़मगढी"
तक़दीर मेरी हो, तुम लकीर हाथो की हो, तुम बन्दगी तेरी करू, मैं "जालिम" ईश्वर बाद में पहले हो," माँ " तुम ©Sanjay jalim ## माँ ##
## माँ ##
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