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अनिल कसेर "उजाला"

सम्हल के चल

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Ghanshyam Ratre

ठंडा के महिने

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Atul tomar

आज के युवा

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Bachan Manikpuri

मन के दीन

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Praveen Jain "पल्लव"

#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है

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पल्लव की डायरी
योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस
उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है
सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क
ओले राशन पानी पर गिराकर
महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है
मानक सफ़लता के सरकारों के पास है
गफलत में हम, दम तोड़े जाते है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है

Sunil Kumar Maurya Bekhud

अट्टालिका
धरती पर खड़ी है
आसमान को चूम रही है
अट्टालिका, 
खुशी से झूम रही है

सैकड़ों परिवारों को
दिए है शरण
गोद में करती
पोषण भरण
धरा से चिपकी
घूम रही हैं

प्रबल शत्रु बेखुद
है भूकंप इसका
इससे न रहता
कभी अच्छा रिश्ता
बचने का मार्ग
ढूंढ रही है

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #अट्टालिका

Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

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White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray # समाज के ठेकेदार"

RUPESH Kr SINHA

भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के परनाति

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जय सिंह यादव

विष्णु# के चरणों# में लक्ष्मी# जी के# चरण#

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Shashi Bhushan Mishra

#झांक के देखा#

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आस्तीन के साँप बहुत थे फुर्सत में जब छाँट के देखा,
झूठ के पैरोकार बहुत थे आसपास जब झाँक के देखा,

बाँट रही खैरात सियासत मेहनतकश की झोली खाली, 
नफ़रत की दीवार खड़ी थी अल्फ़ाज़ों को हाँक के देखा,

जादू-टोना,  ओझा मंतर,  पूजा-पाठ   सभी   कर   डाले,
मिलती नहीं सफलता यूँही धूल सड़क की फाँक के देखा,

धरती से आकाश तलक की यात्रा सरल कहाँ होती है,
बड़ी-बड़ी  मीनारों  से  भी करके सीना चाक के देखा,

कदम-कदम चलता है राही दिल में रख हौसला मिलन का, 
मंज़िल धुँधला दिखा हमेशा सीध में जब भी नाक के देखा,

चलना बहुत ज़रूरी 'गुंजन' इतनी बात समझ में आई, 
हार-जीत के पैमाने पर ख़ुद को जब भी आँक के देखा, 
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'

©Shashi Bhushan Mishra #झांक के देखा#
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