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Stories related to शुभ मुहूर्त दुकान के लिए

Pravin Mishra

#love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...

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White yaha taklif bhi hai our shor bhi 
mujhme himmat bhi hai hun kamjor bhi 
aise toh tum mujhe kho dogi
tumhe mai bhi chahiye? our fir koi our bhi..... *___💔💔🖤❤‍🔥

©Pravin Mishra #love_shayari pyari  मोहब्बत के लिए...

Jay Shri Ram

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

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RUPESH Kr SINHA

#मदत के लिए त्याग ज़रूरी है

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Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

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Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi #lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

k.Harmukh

#sad_quotes शुभ विचार Aaj Ka Panchang अब्दुल कलाम के विचार बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार

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White I cannot believe in a god
Who wants to be praised all the time

©Khushboo #sad_quotes  शुभ विचार Aaj Ka Panchang अब्दुल कलाम के विचार बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार

ek dil hai

अब्दुल कलाम के विचार शुभ विचार आज शुभ विचार Hinduism आज का विचार

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Neetesh kumar

आज शुभ विचार सुविचार इन हिंदी आज का विचार सुप्रभात अब्दुल कलाम के विचार शुभ विचार

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White Drawing classes byNeetesh Kumar

©Neetesh kumar  आज शुभ विचार सुविचार इन हिंदी आज का विचार सुप्रभात अब्दुल कलाम के विचार शुभ विचार

No Way

Kartik Aaryan स्वामी विवेकानंद के विचार आज शुभ विचार अच्छे विचारों शुभ रात्रि सुविचार

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Manish

आज का विचार आज शुभ विचार नये अच्छे विचार आज शुभ विचार स्वामी विवेकानंद के विचार

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Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

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सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
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