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Sarvesh kumar kashyap
White अपनी आंखों पर मेरे कफ़न को लगकर उसने कहा-" नय कपड़े क्या पहन लिए मुझसे बात भी नहीं करते।" ©Sarvesh kumar kashyap 🤷 जिंदगी खत्म..🤔 #SAD #Life #Emotional #shayri #merikalammerevichar #love_shayari
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read moreRohan Roy
White जहां डिग्रियों से सर्वगुण संपन्न को ही, बेहतर इंसान एवं शिक्षित समझा जाता हो। फिर वहां अंधविश्वास की शिक्षाएं, कैसे खत्म होगी? ©Rohan Roy अंधविश्वास की शिक्षाएं, कैसे खत्म होगी? | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | life quotes images
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read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अपनी नजरो से नजारा तुझे दिखाऊँगा होकर दिखा तू मेरी पलको पर तुझे बिठाऊगा हर पल अहसास होगा मेरे प्यार का चाँद तारो की तरह सजाऊँगा मिलने मिलाने का दौर खत्म कर डोली में सजाकर रानी बनाकर तुझे घर मे लाऊँगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_qoutes मिलने मिलाने का दौर खत्म कर
#love_qoutes मिलने मिलाने का दौर खत्म कर
read moreNews by Prashant
White न संघर्ष खत्म होता है और न ही शिकायतें, धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है वो उम्र है। ©News by Prashant #love_shayari न संघर्ष खत्म होता है और न ही शिकायतें, धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है वो उम्र है।
#love_shayari न संघर्ष खत्म होता है और न ही शिकायतें, धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है वो उम्र है।
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी। मिलते रहिए अपनों से, मिलते रहिए गैरों से, कहीं तो एहसास होगा, कहीं तो पहचान होगी। हाथ बढ़ाते रहिए, हिम्मत बढ़ाते रहिए, कहीं तो पुकार होगी, कहीं तो सांस होगी। लड़ते रहिए अंधेरों से, लड़ते रहिए धुंध-कोहरे से, कहीं तो आसमान होगा, कहीं तो रोशनी होगी। सदैव बढ़ते रहिए, चौकस रहिए हर वक्त, कहीं तो लकीर होगी, कहीं तो नज़र होगी। डरना क्यों है दोपहरी से, उत्साह भरते रहिए, कहीं तो धूप होगी, कहीं तो छांव होगी। अग्रसर रहिए जलधारा में, थमने न पाए विजयी रथ, कहीं तो मिट्टी होगी, कहीं तो पत्थर होगी। साधते रहिए हिम्मत, सौर्य के गीत भी गाते रहिए, कहीं तो सफ़लता होगी, कहीं तो विजयी होगी। ©theABHAYSINGH_BIPIN #walkingalone राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी।
#walkingalone राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी।
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
Himanshu Prajapati
White तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब तक..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब
#love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब
read moreParasram Arora
New Year 2025 खत्म करो अतीत की बात यदि तुम अतीत से नहीं टूटते तो तुम एक प्रेतात्मा का जीवन जी रहे होते हो. तब तुम्हारा जीवन अस्तित्वगत नहीं होता तब तुमारा जीवन सच्चा नहीं होता ©Parasram Arora खत्म करो अतित की बात
खत्म करो अतित की बात
read moreAkshita Gautam
नियत हीं नियति तय करती है ©Akshita Gautam सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
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