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shayrana baba
एक् मुह्बब्त् मे लाचार् लडका अपना अन्तिम् सन्स्कार् करवा बैठा ©shayrana baba आशिकी का हारा
आशिकी का हारा #SAD
read moreKuldeep kushwaha
White हंसते हुए चैहरे पर आजाती है अचानक बेखैयाली । मोहब्बत के शहर में हर किसी का गुजारा थोड़ई है।। ©Kuldeep kushwaha आशिकी
आशिकी #शायरी
read moreSharif Shaikh
White मै हुं आशिक, मेरा हर अंदाज है निराला. जिन हादसो से, लोग डरते है. ऊन्ही हादसोने, मुझे है पाला. ©Sharif Shaikh #love_shayari आशिकी
#love_shayari आशिकी #शायरी
read moreShashi Bhushan Mishra
नींद का मारा लगे, कितना बेचारा लगे, स्वाद पहली दफ़ा सा, फिर न दोबारा लगे, दर्द की आग़ोश में, चाँद अंगारा लगे, बिगड़ जाए स्वाद तो, शहद भी खारा लगे, प्रेम की पहचान है, गैर भी प्यारा लगे, हताशा में आदमी, दुनिया से हारा लगे, स्वार्थ में अंधे हुए को, हर कोई चारा लगे, भटकता गुंजन फिरे, हर राह बंजारा लगे, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #राह बंजारा लगे#
Anuj Ray
White शिकायतों के अंबार" पागल भंवरे ,किस लिए करते हो, मुझसे शिकायत मेरी, हंसी मजाक लड़कपन रह गया पीछे, कोरी चुनरी में बड़े दाग़ लगे हैं। अब मैं किसी को घास नहीं डालती, ऐसी शिकायतों के तो अंबार लगे हैं। बड़े सदमे दिए हैं मोहब्बत ने हमें अभी-अभी तो गहरी नींद से जागे हैं। ©Anuj Ray # शिकायतों के अंबार लगे हैं"
# शिकायतों के अंबार लगे हैं" #शायरी
read moresujeeta
White बात दिमाग पर लगे तो भूल सकते है अगर दिल पर लगी हो तो कैसे भुलाया जाय 🥲🥲😔😔 ©sujeeta बात दिल पर लगे
बात दिल पर लगे #Quotes
read moreK L MAHOBIA
सुन तिहारे रोज़ झांसे में नहीं आएंगे। मत पुकारों लोग फांसे में नहीं आएंगे। नार रखते और होंगे द्यूत क्रीड़ा खेलने, हम बिसातों और पांसे में नहीं आएंगे। गम बुरा है रोग का छुपता नहीं छुपाने से, दिल बुझा रम जान रासे में नहीं आएंगे। उड़ गई रंगत बुझा चहरा तिरी चाहत में, इश्क में मर कर दिलासे में नहीं आएंगे। ओढ़ चादर सो गया वो आप गुमनामी में। छुप गया फिर हम जगाने नहीं आएंगे। ✍️के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी में :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
मेरी महकती सांसों में तुझको बसा लूंगा। कितना भी बचो खुद से मैं अपना बना लूंगा। मुझसे छुपा ओ कितना मैं तुझको चुरा लूंगा। तेरी महक उड़ती नभ में अपना खुदा लूंगा। देखो तड़प मेरी सपनों में आ मिलो खुद ही तेरी कसम से मैं खुद से सपना भुना लूंगा। तोड़ेंगे कसम फिर वो हम आके मिले दिल से मेरी धडकनों में फिर मैं तुझको सज़ा लूंगा। मौके की नजाकत को तुम समझो अभी जाने तेरी महक खुशबू को इक सपना बना लूंगा। वैसे सबक देना तुमको चढ़ता नशा दिन का मेरे सनम तुमको दिल से अपना दुआ लूंगा। तेरी चमक होगी महफ़िल में फिर नज़ारे की तेरी महक को दिल में ले नगमा सज़ा लूंगा। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी :- के एल महोबिया