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seema patidar
याद किया है मैने उदासी में आ जाए चेहरे पर मुस्कान जरा सी तो समझना याद किया है मैने सब अपनो के बीच रहकर खाली सा महसूस करो तो समझना याद किया।है मैने बारिश की बूंदे जब भीगोदे मन को अंदर तक तब समझना याद किया है मैने संगीत को सुनते हुए जब दिल प्रेम से भर जाएं तो समझना याद किया है मैने अकेलेपन में जब आखें नम हो जाए तो समझना याद किया है मैने मेरे शब्दो का स्वर अगर मन में सुनाई देने लगे तो समझना याद किया है मैने ©seema patidar याद किया है मैने
याद किया है मैने
read moreF M POETRY
Unsplash यहाँ नहीं है वहाँ नहीं है.. तुम्हारी यादें कहाँ नहीं हैं.. कोई तो ऐसा मक़ाम होगा.. जहाँ पे दिल को सुकूँ मिलेगा.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #कोई तो ऐसा मक़ाम होगा...
#कोई तो ऐसा मक़ाम होगा...
read moreParasram Arora
Unsplash मेरे गुनाह तों लाखी थे पर सजा मुझे आज तक किसी गुनाह की नहीं मिली मै जानता था मेरा खुदा दयालु है और वो मुझे मेरे हर गुनाह के लिए मुहाफ़ी देता रहेगा ©Parasram Arora गुनाह और सज़ा
गुनाह और सज़ा
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
read moreAnuj Ray
White ऐसा लगता है दिसंबर" फिर से पिछली बार की भांति, उतर आया गगन से, इस बार भी, चूमने धरती का माथा स्वर्ग से अंबर। सर्द बाहों में समाने ,आ गई वसुधा भी आँखें मूंदकर , बर्फ़ की चादर में लेटा है कोई, ऐसा लगता है दिसंबर। ©Anuj Ray # ऐसा लगता है दिसंबर"
# ऐसा लगता है दिसंबर"
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreF M POETRY
White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ.. है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ.. घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है.. पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #क्या हुआ...
#क्या हुआ...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ वो क़ैद रहे अपनी ख़ुदी में हम अपना करम करते रहे वो मोहब्बत निभा न सके हम मुसलसल इश्क़ करते रहे ©हिमांशु Kulshreshtha क्या ग़ज़ब....
क्या ग़ज़ब....
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