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Mohd Asif
White फूलों ने अमृत का जाम भेजा हैं… सूरज ने गगन से सलाम भेजा हैं… मुबारक हो आपको नयी सुबह ….. तहे दिल से हमने ये पैगाम भेजा हैं … “सुप्रभात “ ©Mohd Asif #फूलों ने अमृत का जाम भेजा हैं… सूरज ने गगन से सलाम भेजा हैं… मुबारक हो आपको नयी सुबह ….. तहे दिल से हमने ये पैगाम भेजा हैं … “सुप्रभात “
Shashi Bhushan Mishra
चाँद इतराता गगन में, चाँदनी गुलज़ार मन में, प्रेम की है सुगबुगाहट, सुरसुरी है तन-बदन में, छल गया है एक छलिया, हुई गलती बाँकपन में, फूल पे भँवरे का पहरा, और ख़ुश्बू है चमन में, भूलकर पहचान अपनी, मस्त दुनिया पैरहन में, देख तन्हाई का मंज़र, आ गए हम अंजुमन में, खुशनसीबी यही 'गुंजन', क़ैद है दिल गुलबदन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #चाँद इतराता गगन में#
Sangeeta Kalbhor
White उदित हुआ है प्रभाकर नई आशाओं के साथ चूपचाप क्यूँ बैठा है बंदे मिला दे हाथों में हाथ चल उठ तुझे उठना है यूं ना हारकर बैठ कभी गगन तुझे बुला रहा है चिंताओं की गठरी फेंक दे अभी तू है तेरा सहारा बात ये ध्यान में रखना बहोत देख चुके हो औरों को कभी अपने अंदरवाले को भी देखना खोल आँखें.. जिंदगी बुला रही है तुझे तेरा होने के लिए ही जिंदगी पुकार रही है..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #SunSet उदित हुआ है प्रभाकर नई आशाओं के साथ चूपचाप क्यूँ बैठा है बंदे मिला दे हाथों में हाथ चल उठ तुझे उठना है यूं ना हारकर बैठ कभी गगन तुझ
Harishchandra King
White गरज उठे गगन सारा समुंदर छोड़े अपना किनारा हिल जाए दुनिया सारा जब गूंजे जय श्री राम का नारा ! Happy Ram Navami 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Harishchandra King #ramnavmi गरज उठे गगन सारा समुंदर छोड़े अपना किनारा हिल जाए दुनिया सारा जब गूंजे जय श्री राम का नारा ! Happy Ram Navami
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदायत तो यही सबको मिली है । कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३ न जाने पाये वो बचकर इधर से । डगर में आज बैठा दो नयन को ।।४ नहीं आती हमें है नींद तुम बिन । करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५ उठी आवाज है दिल से अभी ये । निभाना है हमें सारे वचन को ।।६ वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम । तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७ १२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा
AJAY NAYAK
आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #retro आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ Shilp
Sangeeta Kalbhor
प्यार हो जाता है..... ये कैसे तुम समझ पाओगे रंग तुम्हारा ही केवल मुझे भाता है तुम्हारे देखने भर से जिंदगी से प्यार हो जाता है मेरे चेहरे की हर मुस्कान पर नाम तुम्हारा ही लिखा होता है जाना होता है कही ओर रास्ता तुम्हारी तरफ ही ले आता है चाँद ,सितारे ,गगन ,धरा होने न होने से फर्क नही पड़ता है इक तुम्हारे होने से सभी के होने में होना होता है..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Holi प्यार हो जाता है..... ये कैसे तुम समझ पाओगे रंग तुम्हारा ही केवल मुझे भाता है तुम्हारे देखने भर से जिंदगी से प्यार हो जाता है मेरे च
Poet Kuldeep Singh Ruhela
Blue Moon कोई रुखसार से पर्दे को हटा दो मेरे चांदनी को आज जमी पर ला दो मुमकिन हो तो अमावस की रात में मेरे सनम का दीदार करवा दो कही छुप कर बैठा है दूर गगन में बदलो में घिरा हुआ कोई मेरी बात मेरे चांद तक पहुंचा दो आज रुखसार से आसमान का पर्दा हटा दो ! कुलदीप सिंह रुहेला ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #bluemoon कोई रुखसार से पर्दे को हटा दो मेरे चांदनी को आज जमी पर ला दो मुमकिन हो तो अमावस की रात में मेरे सनम का दीदार करवा दो कही छुप क
Kundan Singh 9117
गरज ⚡उठे गगन🌩 सारा, समुद्र 🌊 छोड़ें अपना किनारा, हिल जाए जहान 🌎सारा, जब गूंजे 🙏 जय श्रीराम का नारा… श्रीरामचंद्र की जय…🙏🙏 ©Kundan Singh 9117 गरज ⚡उठे गगन🌩 सारा, समुद्र 🌊 छोड़ें अपना किनारा, हिल जाए जहान 🌎सारा, जब गूंजे 🙏 जय श्रीराम का नारा… श्रीरामचंद्र की जय…🙏🙏