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VEER NIRVEL
@..बाबा साहेब द्वारा महिलाओ के लिए किये कार्य..@ 1. नारी शिक्षा (महिलाओं को पढ़ने का अधिकार) 2. मैटरनिटी लीव (गर्भवती कामकाजी महिलाओं को छुट्टी) 3. लैंगिक समानता (महिला-पुरुष में कोई भेदभाव नहीं) 4. मताधिकार (वोट करने का अधिकार) #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 ©VEER NIRVEL @..बाबा साहेब द्वारा महिलाओ के लिए किये कार्य..@ 1. नारी शिक्षा (महिलाओं को पढ़ने का अधिकार) 2. मैटरनिटी लीव (गर्भवती कामकाजी महिलाओं को छु
Pushpvritiya
बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह की अधिष्ठात्री) उल्लेखित किया गर्व से....... अब बारी आई अर्निंग की..कमाई की..... पास खड़े भाई साहब ने कहा..... "ज़ीरो लिख दीजिए"..... भौंहों में एक सिकुड़न.... मस्तिष्क में एक सोच........ और एक मंद मुस्कुराहट के साथ मैंने ज़ीरो लिखा............. वैसे गृहस्वामिनी "पदनाम" तो अच्छा है... किन्तु मानदेय....शून्य... कोई अतिरिक्त भत्ता नही............ न कोई लीव...... और न ही इंक्रीमेंट............ गैस की कीमतें दिन पर दिन गगनचुंबी ही क्यों न हो......... राशन दूध के पैकेटों में एमआरपी की उछाल निफ्टी सेंसेक्स को भी क्यूं न मात दे रही हो....... मासिक इंक्रीमेंट बमुश्किल ही है........ फिर भी तीस दिनों का अंक गणित सटीक बैठा लेती है....... है न 😊 ©Pushpvritiya बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह क
Ravendra
Swarima Tewari
गला तड़क रहा था प्यास से, मानो मौत से बस चंद दूरी का फासला, बैचेनी की पराकाष्ठा इस मुकाम पर थी कि बस एक नन्ही सी बूंँद भी पानी की कोई डाल दे तो कंठ तर हो जाए और फिर कोई भय ना हो, मृत्यु का भी नहीं.. (full in caption) गला तड़क रहा था प्यास से, मानो मौत से बस चंद दूरी का फासला, बैचेनी की पराकाष्ठा इस मुकाम पर थी कि बस एक नन्ही सी बूंँद भी पानी की कोई डाल दे
ALOK Sharma
TRUST ME A Long Story ©ALOK SHARMA Hello friends, do you like reading suspense love story? If yes .. then this story is for you. Do you trust your life partner as much as they
IIshhwinder Singh
Dr Upama Singh
“छिपकली” हास्य कहानी अनुशीर्षक में👇👇 बात उस समय की है जब हम बनारस शहर में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहे थे। एक रूम में दो लड़कियां रहती थी। जब हमने हॉस्टल रहना शुरू किया तो एक ल
AB
" व्यास मेरी प्रकृति " ( अनुशीर्षक ) हॉस्टल में पढ़ा करती थी तो बचपन में खासा अनुभव नहीं था कि घर में सब कैसे रहते,.. ' गांव का माहौल ', परन्तु गांव लौटने कि तीव्र इच्छा हमे