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Stories related to संस्कृत के कवि और उनकी रचनाएँ

Mohan Sardarshahari

# कवि का कारवां

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White यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे घी तोलते 
घी पी लेते हैं हाथ
साथ रहते - रहते
बन जाती है बात। 

जैसे पतझड़ में अनयास 
पतों की बरसात
बरसात में भीगकर
आती गर्माहट की बात। 

जैसे अंधेरे में रहते
अनपढ़ के उद्गार
अक्षर के प्रकाश से 
खोल देते नये द्वार।।

हां यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे पढ़ते - पढ़ते कोई किताब
याद आती लेखक की बात
बात से ही निकलती बात
पूछ बैठते खुद से ही औकात। 

यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जब पढ़ते हैं हम कोई तहरीर 
खुद को भी देखते हैं उस जहां 
करने लगते हैं खुद से बातें 
शायद यही है कवि का कारवां।।

©Mohan Sardarshahari # कवि का कारवां

Shailendra Anand

#sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक 17फरवरी 2025
वार सोमवार
समय दोपहर 12 बजे

यह दीक्षार्थीहै  नागा साधु संन्यासी में,
कई ऐसे साधक साधना प्रकृति से,
 प्रेम करने वाले होते हैं
दीक्षा संस्कार से पहले सांसारिक सुख मोह और जिज्ञासा लालसा तलफ तड़फ से पैदा हुए जीवन पर आधारित संयम सिखाया जाता है।।
नाकि सिर्फ अपने गुरु से हवा, पानी, अग्नि, सुर्य प्रकाश में तप तपस्या से ध्यान योग योगासन उपवास करना और तांत्रिक, मांत्रिक, हठयोग, जैसी कई प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात ही सनातन विचार सच में दत्त अखाड़ा के सान्निध्य में नागा साधु संन्यासी बनाया जा सकता है।।
््कवि शैलेंद्र आनंद
17 फरवरी‌2025

©Shailendra Anand #sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

काली स्याही डिटेक्टिव

कवि

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©BABA कवि

usFAUJI

समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य

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समझ से परे हैं 
जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔

©usFAUJI समझ से परे हैं 
जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

२०२४ के अध्याय को अलविदा २०२५ के अध्याय का आरंभ #wellwisher_taru #नववर्ष Poetry Life #कवितावाचिका #संस्कृत newyearresolution

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New Year Resolutions तरुः यथावत् तिष्ठति, कदापि 
परिवर्तनं न करिष्यति
हिन्दी अनुवाद 
तरु जैसी है वैसी ही रहेगी खुद को
 कभी बदलने ना देगी

©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु २०२४ के अध्याय को अलविदा 
२०२५ के अध्याय का आरंभ 
#wellwisher_taru #नववर्ष 
#Nojoto #Poetry #Life #कवितावाचिका  #संस्कृत 
#newyearresolution

kevat pk

#उनकी याद

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kevat pk

#उनकी याद

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Unsplash "मैं उनसे दूर हुआ, मगर यादें पास हैं,
दिल के कोने में छुपी कुछ बातें ख़ास हैं।
दूरियों से मोहब्बत कभी कम नहीं होती,
मैं सो जाता हूं, मगर ये यादें नहीं सोती।।

©kevat pk #उनकी याद

N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्री सीताराम जी से कुछ भी मत मांगो, भगवान से उनकी सेवा उनसे उनकी भक्ति और भगवान में पिर्ति बढ़े, ऐ

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्री सीताराम जी से कुछ भी 
मत मांगो, भगवान से उनकी सेवा 
उनसे उनकी भक्ति और भगवान में 
पिर्ति बढ़े, ऐसा प्रेम और उनकी और 
उनसे अपनापन बन सके, ऐसा
सुकरना मांगो, देखना जिंदगी में
सुधार होने लग जायेगा।।
जय श्रीसीताराम जी।।

©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्री सीताराम जी से कुछ भी 
मत मांगो, भगवान से उनकी सेवा 
उनसे उनकी भक्ति और भगवान में 
पिर्ति बढ़े, ऐ

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru Po

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White मातामही मातामहः ग्राम:
अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म 
पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, 
मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः
 इति ज्ञातम्। 
पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः 
अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म,
हिन्दी अनुवाद 
नाना नानी के गांव
वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था 
जो गांव में बिता करता था 
पगडंडी पर खेत खलिहानों का 
जायजा लिया जाता था,
सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा 
करता था जब नाना नानी के गांव 
बचपन में जाना हुआ करता था,

©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित 
शीर्षक 
नाना नानी के गांव
मातामही मातामहः
विधा विचार 
भाव वास्तविक 
#Trending #wellwisher_taru #Po

Jitendra Giri Hindu

"संस्कृत उद्धरण: ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत" संस्कृत, उद्धरण, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन, धर्म, सत्य, विनय, कर्म, संस्कृति, शांति, राजा, उत्कर्ष, स

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