Find the Latest Status about आगजनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आगजनी.
kumaarkikalamse
हर बात बताने के लिए अब बस आग लगती है, धरती की कोख कभी अंदर, कभी बाहर जलती है। अब बात बात में बस आगजनी आम है मचा देश में ना जाने कैसा कोहराम है! #Stop_violance #Kumaarsthought #YQDidi #yqhindi #आग #जलती
Ashutosh Vishwakarma
Yukti
Parul Sharma
जब देश के कपूत विवेकहीन हो कर खुद के ही घर में हत्या आगजनी दंगा फसाद पर उतर आये तो उन्हें कुरूक्षेत्र में घसीट लाना चाहिये अगर बात से बात ना बने तो बल का प्रयोग जरूरी हो जाता है पारुल शर्मा जब देश के कपूत विवेकहीन हो कर खुद के ही घर में हत्या आगजनी दंगा फसाद पर उतर आये तो उन्हें कुरूक्षेत्र में घसीट लाना चाहिये अगर बात से बात
सिमांचल न्यूज़
टिकुलिया में आगजनी की घटना से आठ घर खाक कुमारखंड(मधेपुरा) इक़बाल राजा /कुमारखंड थाना के बिशनपुर बाजार पंचायत के टिकुलिया गाँव में कूड़े से उ
सिमांचल न्यूज़
Ravendra
kavi manish mann
औकात तुम्हारी जो थी वो दिखा दिया, देखते ही देखते सारा शहर जला दिया। दशकों से जो करते आए और जो तुम्हारी मंशा है, कहने की हमें क्या पड़ी तुमने खुद दिखा दिया। कहीं चिर दिया, कहीं फाड़ दिया, कहीं जिंदा ही चुनवा दिया। अरे कहां तक गिनाएं अत्याचार तुम्हारे, कुछ याद हैं कुछ भुला दिया। पर मत भूलो सनातनी वीरों ने, तुम्हे छटठी का दूध याद दिलाया थे। देख उनका विकराल रूप सारे कौम थर्राए थे। वीर शिवजी, शिरोमणी राणा ने, तुम्हे दिन में तारे दिखाए थे। अन्तिम सनातनी शासक ने भी, अन्तिम समय औकात दिखाये थे। ॐ शिव (मनीष) आज पूरा शहर जल रहा है क्या कोई बात शांतिपूर्ण नहीं रखी जा सकती। क्या आगजनी ही किसी प्रोब्लम का हल है आखिर नुकसान किसका हो रहा है? करोड़ो क
#maxicandragon
क्यो न हम शहर जलाएं हर नारी को आग लगाएं यहां वहां विध्वंस मचाएं क्यो न हम आग लगाएं इनसे नही कभी दम घुटता है इनसे क्या कोई लुटता है लुटती है कुर्सी इन सबकी जब कहीं फटाका फटता है कहीं जलाए किसान पलारी लगे के जल गई दुनिया सारी उठा प्रदूषण सकल ब्रम्हान्ड मे नेताओ की, आ गई जान पे इन टटपुंजीयो को है भाता आगजनी कर, नेता बन जाता वही प्रदूषण के रखवाले नेता अपने ऐसे मतवाले #SadharanManushya #पलारी #प्रदूषण #नेता_ही_प्रदूषण_है #POLLUTED_DELHI क्यो न हम शहर जलाएं हर नारी को आग लगाएं यहां वहां विध्वंस मचाएं क्यो न हम आग लगाएं इनसे नही कभी दम घुटता है इनसे क्या कोई
Shree
मेरा दिल छोड़ कर क्या नया ठिकाना तुमको मिला, देखो ना, अब बेवजह रोने का बहाना हमको मिला। मोहलतों में मेरी मोहब्बत को जाने कैसी आग लगी लहक में दहक रही आरजूओं की बेखौफ आगजनी। ठोकरों से वाकिफ कभी बिखरते कभी संभालते हो, किस्मत कभी किस्मत का दोष कह कर हंस देते हो। इनायतों का सिलसिला जब से मेहरबान रहा थोड़ा कम, नमक स्वादानुसार काला सफेद, बेरंग मन हुआ अहमक। आदतों से नित अनबन रही, आबरु के जनाजे उठते रहे, छिन-छिन कर नम कम हुआ... या गफलत में गुम हुआ। मेरा दिल छोड़ कर क्या नया ठिकाना तुमको मिला, देखो ना, अब बेवजह रोने का बहाना हमको मिला। मोहलतों में मेरी मोहब्बत को जाने कैसी आग लगी लहक मे