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vishwadeepak
सबने कहा हाले दिल बताओ, हमने कह सुनाया है, जिसको बताया अपना समझ के, उसने मखौल उड़ाया है, अब किसी से क्या कहूं, जो भी है दिल में छुपाया है, दिल की बात कहें तो किससे, सबने कितना हमें सताया है, ............ ©vishwadeepak #dilkibaat # सबने कहा हाले दिल बताओ, हमने कह सुनाया है, जिसको बताया अपना समझ के, उसने मखौल उड़ाया है, अब किसी से क्या कहूं,
सुसि ग़ाफ़िल
मैं 24 घंटे हांस्या करदा , तू किसा रोग ला गई ! मैं इब रोऊं सूं रातां ने , तू मेरा मखौल बना गई ! मैं 24 घंटे हांस्या करदा ,तू किसा रोग ला गई ! मैं इब रोऊं सूं रातां ने ,तू मेरा मखौल बना गई !
Shree
छोटी सी बात कल शाम तुम आए। सब रंग लाए, अपने संग स्वप्न अनगिनत लाए, खुली आंखों से सब दिखाया, उसकी दोनों हथेलियां एक साथ जकड़ कर दूसरे हाथ गुलाल उसके गाल
Shree
उसे कहां तोड़ लाने थे चांद, तारे और सितारे... आंचल सजाने को उसका। सब छोड़, तैयार फिरे अमादा, ....कहीं वो जुझारू लड़ाका, सबकी सुन, सबको ले चलती। यहां तनिक नही मलाल, पहल कर हर हाल, सबके ही साथ चलते। बंदिशें तनातनी ना जरा भी कबूल, मखौल उड़ाते दोनों का ज़माने के उसूल। खैरियत पूछें... तो सब ठीक-ठाक। काफ़िले... ऐ खुदा, हो दोनों के आबाद। नसीब कहें या खुद का गढ़ा... इश्क ही नहीं, रहा बहुत कुछ बकाया। बकाया इश्क़ ✨✨✨✨ उसे कहां तोड़ लाने थे चांद, तारे और सितारे... आंचल सजाने को उसका। सब छोड़, तैयार फिरे अमादा, ....कहीं वो जुझारू लड़ाका,
xyz
"दहर" ••••••• इस दहर की भागदौड़ में काफ़ी पीछे रह जाती हूँ, खुद को इस मजमे से कुछ अलग थलग मैं पाती हूँ। भरी सभा में कभी मखौल की पात्र बन जाती हूँ, जब समाज की बुराइयों में मैं शामिल न हो पाती हूँ। सुनसान पगडंडी पर भी मैं जाने से हमेशा कतराती हूँ, हो न जाए कहीं रूह शर्मसार ये बात जेहन में लाती हूँ। मैं डरी सहमी सी घर की चारदीवारी में बस जाती हूँ, जब अपने निर्मल दामन को मैला होने से बचाती हूँ। एक लड़की हूँ क्या इसीलिए इतने ज़्यादा कष्ट उठाती हूँ, जन्म से लेकर मृत्यु तक बस कसौटी पर तौली जाती हूँ। ख़ुद की मर्ज़ी न होने पर भी दहर के रिवाज़ अपनाती हूँ, शायद इब्तिला है कि लड़की के रूप में जन्म मैं पाती हूँ। "दहर" °°°°°° इस दहर की भागदौड़ में काफ़ी पीछे रह जाती हूँ, खुद को इस मजमे से कुछ अलग थलग मैं पाती हूँ। भरी सभा में कभी मखौल की पात्र बन जाती ह
Abeer Saifi
क्या मख़ौल है कि तंज़ से सांप डर जाऐं, डस लें अगर ऐन-ए-वक़्त 'अबीर' मर जाऐं اا मखौल - मज़ाक yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts #yqduniya #YourQuoteAndMine Collaborating with Tarique Aziz Collaborating with Sajeeda
Abeer Saifi
क्या मख़ौल है कि तंज़ से सांप डर जाऐं, डस लें अगर ऐन-ए-वक़्त 'अबीर' मर जाऐं اا मखौल - मज़ाक yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts #yqduniya #YourQuoteAndMine Collaborating with Tarique Aziz Collaborating with Sajeeda
DrLal Thadani
अपने मन का विश्लेषण करके देखो कहीं न कहीं तुमने किसी की अच्छाई का सच्ची मित्रता का मखौल उड़ाया है और खुद को धोखा दिया है डॉ लाल थदानी #अल्फ़ाज़_दिलसे नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzcinemagraph पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न
Divyanshu Pathak
सत्य की तलाश करते करते थकना नहीं है मुझे चल पड़ना है आज एक नए सफ़ऱ पे गर्मी से छुपना नहीं मुझे ! उत्तरप्रदेश में घूमने का पहला अवसर मिला है ! सुन रखा है वहां का माहौल इंसानियत का मखौल बनाता है ! देख कर आता हूँ सच क्या है कहीं कोई आदतों स
Namit Raturi
आखिर जानवर कौन है? caption me पढें ।। Note - You may agree or disagree to this poem,just dont get offended. Just my old poetry from 2014. आखिर जानवर कौन है?” झटका हो या हो हला