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SohrabAlam

किसी का व्यवहार आपके ऊपर निर्भर करता है 💯✅

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Sunita Pathania

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

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अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर 
#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख,
ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख।

जो भीड़ के साथ चला, खो गया,
जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

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White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

Anuradha T Gautam 6280

#खानदान जिस तरह ऊपर वाले की मर्जी के बगैर आसमान नहीं चलता वैसे ही बेटियों के बगैर खानदान नहीं चलता..🖊️

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