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neelu
White क्या पूरा था ........क्या अधूरा था क्या बचपन पूरा था..... क्या जवानी पुरी थी..... क्या किरदार पुरा था.... क्या कहानी पूरी थी...... शिव की तो परिक्रमा भी अधूरी है अब जोश में कहो.. जिंदगी पूरी है ©neelu #Thinking क्या पूरा था ........क्या अधूरा था क्या बचपन पूरा था..... क्या जवानी पुरी थी..... क्या किरदार पुरा था.... क्या कहानी पूरी थी......
#Thinking क्या पूरा था ........क्या अधूरा था क्या बचपन पूरा था..... क्या जवानी पुरी थी..... क्या किरदार पुरा था.... क्या कहानी पूरी थी......
read moreF M POETRY
White कभी पूरा न होगा ये सफर क्या? न आएगा दुआओं में असर क्या? यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #न आएगा दुआओं में असर क्या?
#न आएगा दुआओं में असर क्या?
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White #में मोहब्बत का दुश्मन बन जाऊ तो क्या तेरे प्यार में घुट घुट के मर जाऊ तो क्या माना धड़कन में तेरी मेरा दिल नहीं धड़कता पर तुझसे अपने दिल की बात में बताऊं न क्या ! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #sad_dp #में मोहब्बत का दुश्मन बन जाऊ तो क्या तेरे प्यार में घुट घुट के मर जाऊ तो क्या माना धड़कन में तेरी मेरा दिल नहीं धड़कता पर तुझ
RAMLALIT NIRALA
White महाकुंभ मैं बोलना नहीं चाहता था पर बोलना पड रहा है सबसे पहले उन लोगों को जो भगदड मे दब कर मौत हो गई कुंभ के मेले मे उन के आत्मा को शान्ति के लिए मैं ईस प्राकृतिक से बिनती करता हूँ कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे सम्भल जाओ आम जनता नहीं तो ईसितर दबाकर कुचले जाओगे कब समझोगे कभी धर्म के नाम पर कभी जाती के नाम पर ©RAMLALIT NIRALA पुजा का क्या अर्थ है कौई बतायेगा कौई भी बताये पुरे भारत में
पुजा का क्या अर्थ है कौई बतायेगा कौई भी बताये पुरे भारत में
read moreRohan Roy
Unsplash भीड़ में होकर, भीड़ में खो जाना। या भीड़ में अपने जीवन की बागडोर को समर्पित कर। अपनी जान जोखिम में डाल देना। यह कैसी समझदारी है, यह कैसी शिक्षा है। जिसे समझने के बाद भी, अभी तक समझ में आई नहीं। मानते हैं बात आस्था की है, बात ईश्वर की प्राप्ति की है, बात धर्म की है। क्या इस तरीके से ही, आस्था बढ़ेगी। क्या इस मार्ग से होकर ही, ईश्वर मिलेंगे। क्या इसी पथ से होकर ही, धर्म का नाम ऊंचा होगा। वह पवित्रता हमारे भीतर है, वह धर्म हमारे भीतर है। वह ईश्वर हमारे भीतर है, वह मोक्ष हमारे भीतर है। फिर भीड़ में प्राणों की दांव पेंच खेल कर, हम क्या हासिल कर लेते हैं? ©Rohan Roy भीड़ में होकर, भीड़ में खो जाना | क्या यही आस्था है | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | in life q
भीड़ में होकर, भीड़ में खो जाना | क्या यही आस्था है | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | in life q
read moreDR. LAVKESH GANDHI
दिल किसका एक प्रेमिका के कहने पर जब प्रेमी ने अपनी जन्म देने वाली माता का दिल कलेजे से बेध कर निकाला और अपनी प्रेमिका के पास जा पहुंँचा तो प्रेमिका ने अपने प्रेमी को धिक्कारते हुए कहा जा जा... जो पुरुष जन्म देने वाली मांँ का नहीं हुआ वह अनजान प्रेमिका का क्या होगा... ©DR. LAVKESH GANDHI #दिल # # दिल का रोग #
दिल # # दिल का रोग #
read moreचाँदनी
White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ और मेरे कविता के बहते नासूर से फिर एक जिस्म तैयार होता है हर बार हृदय काग़ज के आर पार बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म की तूरपाई मे कागज के सिलवटों को नोच देता है दर्द नासूर का नही, जिस्म का नही काग़ज का होता मौत तीनों को कैद करता है रूह अकेला चित्कारता है कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है ©चाँदनी #रोग
SANIR SINGNORI
'जानी' को समझाए कोई... एक ही शख़्स था जहां में क्या.. 🥀🥺 . ©SANIR SINGNORI जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
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