Nojoto: Largest Storytelling Platform

New संग्रहणी रोग में क्या खाएं Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about संग्रहणी रोग में क्या खाएं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संग्रहणी रोग में क्या खाएं.

Stories related to संग्रहणी रोग में क्या खाएं

Anil sahni

लास्ट में क्या हुआ

read more

चाँदनी

#रोग

read more
White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है
शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही
कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है

मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ
और मेरे कविता के बहते नासूर से 
फिर एक जिस्म तैयार होता है 

हर बार हृदय काग़ज के आर पार
बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म
की तूरपाई मे कागज के सिलवटों
को नोच देता है

दर्द नासूर का नही, जिस्म का
 नही काग़ज का होता

मौत तीनों को कैद करता है
रूह अकेला चित्कारता है

कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती
बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार
जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है

©चाँदनी #रोग

लेखक 01Chauhan1

ऐसे लोगो की बारे में क्या बात करें

read more

seema patidar

क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......

read more
White तुम्हें क्या हुआ?
कुछ नही!

ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है
पर ये बहुत विशाल है

किसी का कुछ नही विशाल है तो
 सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए

किसी का कुछ नहीं विशाल है तो
सिर्फ एक परम मित्र के लिए

ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है 
पुनः अपने दुख को न कुरेदने का
इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो 
सिर्फ एक परम मित्र का
जो मरहम है इस कुछ नहीं का ।

©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ......
कुछ नहीं .......

Uttam Bajpai

मेल और फीमेल में क्या समानता होती है

read more

नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

read more
वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में

paimel preet kaur

इस रोग का कोई ईलाज नहीं है।#HeartTouching #Motivation poetry #TrueWords

read more

neelu

#GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..

read more
White अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे 
कुछ बातों में तो ......क्या होगा
क्या हिंदू.. क्या मुस्लिम
 क्या गोरा ...क्या काला
 क्या पतला ..क्या मोटा

आप किस बात का फर्क मिटाना चाहते हैं?,

©neelu #GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे 
कुछ बातों में तो ......क्या होगा
क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम
 क्या गोरा ...क्या काला
 क्या पतला ..

BRAHMRISHI SRIRAM

उदरी रोग प्रशमन

read more

neelu

#Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता #बादल कुछ

read more
White अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..
तारे क्या बोलते ...सितारे क्या बोलते 
सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता
बादल कुछ कहता ..तो ..क्या आसमान सुनता 
अगर सब बोल सकते ...तो क्या क्या बोलते ..
पेड़ क्या बोलते .... पक्षी क्या बोलते 
फूल क्या कहता..कपड़ा क्या सुनता
मुड्डा क्या होता ... विचार क्या बोलते हैं
 ye  nojoto aap हर वक्त गुस्से में क्यों रहता
अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..

©neelu #Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते ..
तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते 
सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता
#बादल कुछ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile