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JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
मैं अपन नाव तोर बदन म लिखे देखों दिखाई दिही अभी बाती बुझाके देखों देखंव मैं फेर वोला मोर इंतज़ार करत हुए फेर वो कुरिया के कपाट आधा खुले देखों उमड़ के छाये बरखा त घर घर ल बूड़त देखंव चलय पुरवईया त हर एक रुख़ राई ल गिरे देखों पुस्तक खोलंव त हर्फ़ों खलबली मच जाए क़लम उठाओं त काग़ज़ ल फईले देखों उतार फेंकेंव बदन ले फटे पुराना क़मीज़ बदन क़मीज़ ले भी ज़्यादा कटे फटे देखों वहीं कहीं न पड़े हो तमन्ना जिये के फेर एक बार उहि जंगल म जा देखों वो रोज सांझ के "जैनेश" ये कोती ले जाथे त का मैं आज ओला अपन घर बुलाके देखों #दिही #बुझाके #देखंव #कुरिया #बूड़त #देखंव #खोलंव #फईले वो रोज सांझ के "जैनेश" ये कोती ले जाथे त का मैं आज ओला अपन घर बुलाके देखों
SURAJ आफताबी
कोई सिल दे जख्म मेरे भी मखमली पाट से क्यों हर कोई चला आता है , इन्हें देख हरा लेकर हाथों में लवण सांभर के घाट से ! यहाँ हर हाथ कंकर , मेरे सारे तराने माट - से काव्य मेरा कली का बचपन , लेखनी कोयल की जुबाँ क्यों सुला दिया इन्हें ऐसे, जैसे उठ न सके फिर खाट से ! उनके सारे नखरे वाजिब , मेरे सारे अश्रु नाट-से कोई बता दे मेरे कौनसे सुर से लरजेगें भाव उनके मैं हर लहजे में गा दूँगा गीत जैसे चारण भाट के ! वो ठहरे चिंगारी आफताब भाव तेरे जैसे काठ के !! पाट- रेशमी धागा सांभर- भारत की की सबसे बड़ी खारे पानी की झील माट- मिट्टी का बर्तन नाट -
अमित चौबे AnMoL
थिरक रही जो सारे जग में,हां वहीं चांदनी लाल चटक खपरैलो के नन्हे छिद्रों से मेरे घर में सौगात बराबर लाती हैं मेरे घर चांदनी आती हैं। #sharadpurnima #शरदपूर्णिमा #पूर्णिमा #उत्सव #हिन्दी_काव्य_कोश #हिंदी #hindi #hindipoetry ●◆●जय श्री राम●◆● ________________________________
Sunsa Kerapa
तेरे जिस्मा दि भुख मने खा गई रे , कै करू तेरे पाछे ढा गई रे,,,,,,,,,,, प्यार विना ना किता तने किता ना प्रेम रे , झूटी तने खाई सौगन्ध झुटा थारा नैम रे , सुथरी सी छोरी सु जाणे सारा कूलबा पर तेरे पाछे घर ते नाट आई रे तेरे जिस्मा दि.....................पाछे ढा गई रे । ना मांगे कदे गिफ्ट ना मांगे कदे पीसा रे , फैर कीत्ते सोच लिया मने ओरो जिसा रे , जीत्ते वी बुलाया ऊत्ते चली आई रे कदे वी ना सोचा कै वा बात खा गई रे तेरे जिस्मा दि........................पाछे ढा गई रे । पेहली बार मने यो दुर ते दिखा रे ,झ लाग रहा सा चाँद पर ग्रहण नाही दिखा रे , केरापा दी बात सुणने टाइम हुन्दे ही मै तो जा गई रे तेरे जिस्मा दि.........................पाछे ढा गई रे। गीतकार - सुनसा केरापा जिस्म से खेलना है तो किसी कोटे पे जाया करो किसी के दिल से खेलके ऊसकी इज्जत को ना हराया करो #thara_bhai_kerapa तेरे जिस्मा दि भुख मने खा ग