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Kumar Veshesh
White उनका क्या हुआ होगा जिनको मेरी तरह गम में मारा होगा किनारे पर खड़े वह लोग क्या जाने साहब की डूबने वाले ने किस-किस को ना पुकारा होगा ©Kumar Veshesh #sad_qoute अक्सर इस दुनिया में
#sad_qoute अक्सर इस दुनिया में
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White अक्सर हम जैसा चाहते है वैसा होता नही है आँखों के आगे बिखरती हुई उम्मीदें टूटते हुए ख्वाब अक्सर तन्हाइयों में आँखों ओर सीने में बेपनाह चुभते है, कैसे कह पायेंगे, उसे... महसूस करने के लिए क्योंकि चुभन तो महसूस मैंने की ख्वाब मेरे टूटे, दर्द मुझे हुआ साँसे मेरी बोझिल हुई ©हिमांशु Kulshreshtha अक्सर
अक्सर
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreimran pathan
White अपनी खूबियों पर भी थोड़ा ग़ौर करले , हर बार क़िस्मत को दोष नहीं दिया करते..! इमरान पठाण *अमन* ©imran pathan किस्मत को दोष नहीं दिया करते...
किस्मत को दोष नहीं दिया करते...
read moreRAMLALIT NIRALA
Red sands and spectacular sandstone rock formations माँ शब्द देखने और सुनने में बहोत छोटा लगता है पर है नही दुनिया का सारा दौलत एक तरफ़ माँ एक तरफ़ फिर भी दौलत माँ के सामने कम ही रहैगा सबसे बडा दौलत माँ है जिसके पास माँ है दुनियां का सबसे बडा अमिर है मेरी दौलत तो मूझसे बहोत दूर है आप बताओ ©RAMLALIT NIRALA सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था, तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश मे जाके कपड़े सुखाना ही नहीं था//२ किसी कमजर्फ से लगा अपने दिल को,फिर ये सिलसिला तुझे आगे बढ़ाना ही नहीं था//३ जब बढ़ चुके,इश्क़ मे,इश्क़ की हद से आगे,तो फिर तुझे सनम को चश्म से गिराना ही नहीं था//४ अब होके तुझपे निसार,थाम चुके तेरा दामन, के"शमा"का तो बातिल से फ़साना ही नहीं था//५ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lovelife वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था,तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश
#lovelife वल्लाह छोटा मुंह बड़ी बात करना ही नहीं था,तुझे मगरूर से ताल्लुक बढ़ाना ही नहीं था//१ जाना जब निकल रही हो तेज तपिश,तो फिर तुझे तपिश
read moreF M POETRY
Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने.. आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
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