Find the Latest Status about दिवाली घर मेरे यार का from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिवाली घर मेरे यार का.
Nsjsbaro
White घर के बाहर दिमाग लेकर जाओ ख्यींकि दुनिया एक बाजार है,औय घर के अन्दर सेर्प दिल लेकर जाओ ख्यींकि यहां एक परिवार है ©Nsjsbaro #घर के बाहार
#घर के बाहार
read moreSunil Hasda
2 दिन के जिंदगी है यार प्रेम से रहो 2 दिन की जिंदगी है यार प्रेम से रहो आज है कल नहीं रहेंगे आज है कल नहीं आज तो लड़ाई मत करो ©Sunil Hasda 2 दिन का जिंदगी है यार #sad_quotes
2 दिन का जिंदगी है यार #sad_quotes
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तुम हो तो लगता है, जगमग करता ये मेरा मन, साथ में सुख दुख बांटे तुमसे, नहीं कोई ख्वाहिश अब उस रब से खुशियां सारी साथ मनाली, मानो हर दिन रहती मेरी तुमसे दिवाली । ©बेजुबान शायर shivkumar #Diwali #दिवाली #दीपावली #Nojoto
sanjeev 13959
White जिस रास्ते से गुजर कर हम अपने घर को जाते थे आज उस रास्ते से गुजरे हुए जवाना हो गया ©sanjeev 13959 #sad_quotes आज शुभ विचार घर का रास्ता
#sad_quotes आज शुभ विचार घर का रास्ता
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White घर के कोने कोने में ,मोबाइल सब पर हावी है, न ही अंकुश रहा किसी पर,और न कोई चाभी है। शर्म हया की बात न करिये,आधुनिकता यूं आई है, बेटे संग रोमांस दिखाकर मम्मी रील बनाई है। कांट्रैक्ट में बंधे दिख रहे सम्बन्धों के तार, घरवालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार, बचा लो अपना अब परिवार-2 ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night घर
#good_night घर
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White प्यार में जीना और मर जाना है, जग में रंग प्रेम का भर जाना है। निकले हैं 'उजाला' हम कमाने को, लौट कर फिर हमें तो घर जाना है। ©अनिल कसेर "उजाला" घर जाना है।
घर जाना है।
read moreAR Mallik
मन तो था की, मन का हो सब मगर मन का कभी कुछ हुआ है क्या ? ©AR Mallik कुछ पंक्तियां मेरे मन का ।।
कुछ पंक्तियां मेरे मन का ।।
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल न बस में अगर हो तो मैं क्या करूँ.. सामने तेरा घर हो तो मैं क्या करूँ.. ©F M POETRY #सामने तेरा घर...
#सामने तेरा घर...
read moreLakhan Rajput BJP
सब मतलबी लोग ©Lakhan Rajput BJP आज शुभ विचार यार हो यार तेरी अदाओं ने मारा
आज शुभ विचार यार हो यार तेरी अदाओं ने मारा
read moreMohan Sardarshahari
बहुत हुए बीते जमाने में पिछले दो दिनों में शरीक एक दोस्त के घर जाकर लगा जिंदगी बदलती है तारीख । शहर के कोलाहल से दूर एक बड़ा मनोरम सा घर बाग-बगीचे,पेड़, झूले और फ़व्वारे स्वागत को आतुर। अन्दर बड़ा सा विशाल कक्ष जिसकी सुविधाएं अति मोहक इस में बना गुरु का आसन कर देता सबका धार्मिक रुख। ना कोई दिखावा ना अंहकार बाशिंदे करते एक दूजे से प्यार मिलकर उनसे यों लगता जैसे यही है प्राकृतिक सा सदाचार। घर से सब खुश होकर जायें कहते हैं यही है हमारा उपहार साधारण होकर भी कितना खास निकला मेरा यार जमीनी सरदार।। ©Mohan Sardarshahari मेरा यार
मेरा यार
read more