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अनिल कसेर "उजाला"
'उजाला' हम हरियाली बचाने में लगे हैं, औ वो शज़र काट शहर बसाने में लगे हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" हरियाली
हरियाली
read moreHimanshu Prajapati
White अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! ©Himanshu Prajapati #GoodMorning अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! #36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang
#GoodMorning अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! #36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang
read moreSarfraj Alam Shayri
White जहाँ पानी गिरता है वहां हरियाली उगती है जहाँ तौबा के आंसू गिरते हैं वहां अल्लाह की रहमत बरसती हैं.! ©Sarfraj Alam Shayri #Thinking जहाँ पानी गिरता है वहां हरियाली उगती है जहाँ तौबा के आंसू गिरते हैं वहां अल्लाह की रहमत बरसती हैं.!
#Thinking जहाँ पानी गिरता है वहां हरियाली उगती है जहाँ तौबा के आंसू गिरते हैं वहां अल्लाह की रहमत बरसती हैं.!
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
vksrivastav
Unsplash तेरी हरियाली से भली हमारी बंजर है इस मोहब्बत भली ये तुम्हारी खंजर है ©Vk srivastav तेरी हरियाली से भली हमारी बंजर है #Shayari #SAD #Life #Trending#vksrivastav
तेरी हरियाली से भली हमारी बंजर है #Shayari #SAD Life #Trending#vksrivastav
read moreHimanshu Prajapati
हद्द होती है यार किसी चीज की, मैं कब तक लोगों को परेशान करता रहूंगा..! ©Himanshu Prajapati #CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की, मैं कब तक लोगों को परेशान करता रहूंगा..! #36gyan #hpstrange
#CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की, मैं कब तक लोगों को परेशान करता रहूंगा..! #36gyan #hpstrange
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़ुद को कब तक बाँधोगे। वक़्त के साथ बेहिसाब ग़लतियाँ की हैं तुमने, सलाखों के पीछे ख़ुद को कब तक छुपाओगे? जो कभी साथ छांव सा था, वह अब छूट गया, आख़िर खुद से ये जंग कब तक लड़ोगे। लोग माफ़ी देते हैं एक-दूसरे को अक्सर, आख़िर तुम खुद को कब तक सताओगे। रिहाई जुर्म से नहीं मिलती, यह तो मालूम है, आख़िर ग़लतियों पर कब तक पछताओगे। प्रकृति में सूखी डालें भी बहार में पनपती हैं, खुद को सहलाने का वक़्त कब तक टालोगे। वक्त हर नासूर बने ज़ख्मों को भी भरता है, आख़िर ज़ख्मों को भरने से कब तक डरोगे। ©theABHAYSINGH_BIPIN दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़
दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते, बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते। एहसासों को रखकर हाशिये पर, प्यार से यूँ ही कब तक भागते। हर दर्द के पीछे कोई बात होती है, हर खामोशी में एक आवाज़ होती है। पलकों के साए से कब तक छिपोगे, दिल की पुकार से कब तक बचोगे। प्यार बुरा है, ये बहाना कब तक, खुद से दूरी का फसाना कब तक। वक्त की इस रेत पर नाम लिखो, एक बार प्यार से अपनी राह चुनो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते, बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते। एहसासों को रखकर हाशिये पर, प्यार से यूँ ही कब तक भागते। हर
#love_shayari वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते, बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते। एहसासों को रखकर हाशिये पर, प्यार से यूँ ही कब तक भागते। हर
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
Unsplash "सुख समृद्धि की प्रतीक शाख हरीतिमा की नज़रों को सुहाती दिल को भांति कह रही है हमसे मेरे फल तोड़ो मेरी शाख न तोड़ो मैं उपवन की शोभा हूं मैं जीवन की डोर हूं तुम मुझे बचाओ मैं तुम्हें बचाऊंगी मैं संजीवनी और हूं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #leafbook #हरियाली बचाए#