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kavi Dr .mala Chudasama
आवत मेध बरसानि जलधार प्यारी । मेढक मल्हार गावत, दुदुभिनाद सुनावत। बादल मंडरायो, मेघ धनुष खिचावत। मंद समीर जोर वायत, झरमर बुन्द तनयो छावत। "संकेत "मन ललचायो, लुभावन मेघ जल बरसावत। ©kavi drmalaChudasma कवित्व मेरा #Nature
Durgesh Bahadur Prajapati
कवित्व की झंकार हूँ मैं, खुश्बू की फुहार हूँ मैं | अग्नि की मिशाल हूँ मैं, परिवर्तन की चाल हूँ मैं | तुफानों से भी जो टकरा जाये, ओ पर्वत राज विशाल हूँ मैं | नैय्या की पतवार हूँ मैं, शस्त्रों में तलवार हूँ मैं | पथिकों के उद्धार के लिये, इक ज्योति पुंज अवतार हूँ मैं | Durgesh Bajadur Prajapati कवित्व की झंकार हूँ मैं....
shivangi pathak
कवि हो तो कवित्त की तलाश लिखो,.... लिखो वहीं जो सत्य और यथार्थ हो, दिनकर से भी प्रखर जिसकी किरण हो, ऐसा कोई परमार्थ लिखो, लिखो तो यूं लिखो भाषा का धारा में, अनुरुद्ध प्रवाह लिखो, अंतर्मन का आभास लिखो, ज्वलंत विचारो का प्रकाश लिखो, ओस की बूंदों सा पृथ्वी का सत्कार लिखो, प्रेम लिखो.... विश्वास लिखो, अगर हो जरूरी तो विरोध और क्रांति की चित्तकर लिखो, सर्वस्य लूटाकर भी सत्य और यथार्थ लिखो, कवि हो तो कावित्त की तलाश लिखो। ©shivangi pathak कवि हो तो कवित्व की तलाश लिखो.... #seashore
Sunita D Prasad
#स्वीकृति कवि..! स्वीकार करती हूँ स्वीकार करती हूँ कि तुम्हारी लिखी पंक्तियाँ शिथिल पड़ते मेरे कवित्व को कर जाती हैं प्रदान नव गति..। --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #स्वीकृति कवि..! स्वीकार करती हूँ स्वीकार करती हूँ कि
Sunita D Prasad
कविताओं में निहित प्रेम वास्तविकता से भिन्न रहा। तभी कविताओं में बचा रहा प्रेम और प्रेम से कविताएँ। इन दोनों ने ही बचाए रखा कवि का कवित्व और उसकी प्रेरणा।। --सुनीता डी प्रसाद💐💐 कविताओं में निहित प्रेम वास्तविकता से भिन्न रहा। तभी कविताओं में बचा रहा प्रेम
DR. SANJU TRIPATHI
छोटी सी जिंदगी है मेरी थोड़ी सांसे और उधार दे दे। ऐ वक्त ठहर जा कुछ पल दो-चार दिन और साथ दे दे। करने हैं कई काम और निभानी हैं कई जिम्मेदारियां भी। पूरे करने हैं अपने अधूरे सपने और कमाना है नाम भी। ऐ वक़्त ठहर जा अभी, कई काम अधूरे हैं। कुछ चाहत अपनों की, मुझे करने पूरे हैं।। 👉वक़्त कभी किसी के लिए भी नही रुकता ये जानते हुए भी कवित्व का
Vijay Kumar Sharma