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Er Aryan Tiwari
White साल ये भी गुजरा उदासी में जब वो मुझसे मुकरा उदासी में ©Er Aryan Tiwari #Thinking Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' शायरी
#Thinking Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' शायरी
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White अब न गम कुछ न ही ख़ुशी है रास्ता इक है खुदकुशी है ©Er Aryan Tiwari #love_shayari Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' खूबसूरत दो लाइन शायरी
#love_shayari Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे' खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreEr Aryan Tiwari
White जब भी तेरे क़रीब आ गया साला ये क्यों रकीब आ गया लहज़े से लग गया है पता फासला अब अजीब आ गया ©Er Aryan Tiwari #sad_qoute Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे'
#sad_qoute Sircastic Saurabh सफ़ीर 'रे'
read moreParasram Arora
White हे ईश्वर अब तूही बता आखिर इस जिंदगी का . ओंचित्य क्या है ? मुझे कई बार लगता है येजिंदगी मेरे लिए एक सज़ा है और कई बार लगता है ये जीवन तूने मुझे उपहार स्वरूप देकर अनुग्रहित किया है ©Parasram Arora सज़ा या उपहार
सज़ा या उपहार
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White वाकिफ हूँ मैं इस बात से हाँ तुम खफा हो रात से वैसे तो मैं हारा नहीं हारा भी तो हालात से ©Er Aryan Tiwari #GoodMorning सफ़ीर 'रे' Sircastic Saurabh शेरो शायरी शायरी
#GoodMorning सफ़ीर 'रे' Sircastic Saurabh शेरो शायरी शायरी
read moreSushma
या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा. ©Sushma या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
read moreShiv Narayan Saxena
जनम अकारथ जाय रे..... ©Shiv Narayan Saxena #शुभदिन जन्म अकारथ जाय रे..... life quotes in hindi
#शुभदिन जन्म अकारथ जाय रे..... life quotes in hindi
read moreDr.Meet (मीत)
#love_shayari Sircastic Saurabh **Dipa ** S amit pandey katha(कथा ) सफ़ीर 'रे'
read moreMayuri Bhosale
कधी कधी....🤷 कधी कधी वाटते व्हावे फुलपाखरू, 🦋 बागेत फिरताना स्वतःला कशी मग सावरू. कधी कधी वाटते व्हावे पक्षी, 🕊️ बंधन सारे मोडून फिरेन मोकळ्या आकाशी. कधी कधी वाटते व्हावे नदी, 🌊 प्रवाहाबरोबर वाहताना येईल ना मदतीला झाडाची फांदी. कधी कधी वाटते व्हावे डोंगर, ⛰️ मायेच्या कुशीत जवळ घेऊनी कोणी मारेल का फुंकर. कधी कधी या मनाच्या खेळात बरेच काही जाते वाटून, विचारांच्या वादळाने येतो मग कंठ दाटून. ©Mayuri Bhosale #कधी कधी...
#कधी कधी...
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