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Stories related to फना मूवी

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब

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White इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा,
ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा।
हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता,
नसीब में नहीं, कोई और ब्याहकर ले जाएगा।

जब तक डूबे हो इश्क़ में, डूबे ही रहना,
होश में आने पर सब कुछ तबाह हो जाएगा।
इश्क़ करना और मुकद्दर उसे जिंदगी बना दे,
अच्छा स्वप्न है, ये तो गहरी नींद में ही आएगा।

ये सब लोग जो मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं,
ये इश्क़ का बुखार है, सबको ही आएगा।
ख्याल इश्क़ का अच्छा है जनाब,
दरिया में उतरने का ख्याल गर्त ले जाएगा।

यहाँ की हवा में इत्र, इश्क़ की बिखरी है,
भंवर है, जाल है, सब कुछ डूब ही जाएगा,
वो समझता है इश्क़ उसके काबू में है,
खूबसूरत हादसे का शिकार खुद हो जाएगा।

जाम-ए-इश्क़ के नशे में डूब रहे सभी,
इश्क़ के जाल से जाने कौन बच पाएगा,
मिलता कुछ ना गहरे ज़ख्मों के सिवा,
इश्क़ में फना होना ही नसीब में आएगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status 
इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा,
ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा।
हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता,
नसीब

theABHAYSINGH_BIPIN

#Newyear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क

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New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है।

एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था,
 जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था।
 क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी,
कुछ बातें कर अलविदा चाहता था।

©theABHAYSINGH_BIPIN #NewYear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला

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White इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो,
इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो।
सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम,
बग़ैर ज़ख्मों वाला इश्क़ चाहते हो।

सुना है इश्क़ ने बहुत दीवारें गिराई हैं,
इश्क़ के सरहदों को मिटाना चाहते हो।
कितने फना हुए इश्क़ के इम्तिहान में,
दर्द बग़ैर इश्क़ का गुलज़ार चाहते हो।

बिन आवाज़ दिए बुला रहे हो उसको,
बग़ैर जज़्बात इश्क़ का जुनून चाहते हो।
इश्क़ के खेल में लोग छोड़ देते हैं पसीने,
बग़ैर बहाए खून इश्क़ का हार चाहते हो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो,
इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो।
सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम,
बग़ैर ज़ख्मों वाला

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य

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White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो 
हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१

जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,
यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२

ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के
 मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३

मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर
मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४

किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए
 कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५

बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की,
मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६

याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं
कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७

हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है,
फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८

"शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा  मुनाफिक है,जो
सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१

जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य

नवनीत ठाकुर

फना हो कर भी अमर हो गए

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पहाड़ों से निकली एक धारा खास,
सपनों से भरी, एक नई तलाश।
पत्थरों से टकराई, राह बनाई,
हर दर्द को हँसी में समेट लाई।।
हर ठोकर को उसने गले लगाया,
रुकना उसकी किस्मत में नहीं था।
दर्द से उसने अपना राग बनाया,
सच में, वो कभी थमा नहीं था।।
जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई,
उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।।
सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा,
उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा।
नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ,
पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।।
फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई,
सागर के आँचल में हर याद बस गई।

©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
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