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Chandni kumari
New Year 2025 Chandini kumari हुस्न है प्यार का है,,,, ,,,हुस्न है प्यार का मजा लीजिए तोड़ा इंतजार का मजा लीजिए मजा लीजिए मजा लीजिए ? ©Chandni kumari #Newyear2025 ke liye
#Newyear2025 ke liye
read morePainkiller_shayari
White तेरी नींदों में आता है....... जो वही ख़्वाब हूं में तेरी धड़कनों से लिखी.... अनपढ़ी किताब हूं में ज़रा पूछो तो अपने... दिल से कभी उसके सभी सवालों का... सही जवाब हूं में ©Painkiller_shayari Dil ke khwab
Dil ke khwab
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में नहीं जानता के......तुम्हें शौंक है मुझे पढ़ने का.... या फिर यूंही हर पन्ने पर नज़र डालते हो ©Painkiller_shayari Alfaz dil ke
Alfaz dil ke
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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