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Urmeela Raikwar (parihar)
Unsplash टेरी यादों के पन्नो के बीच, ढूंढ सकों तो ले जाओ संग. written by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #library ले जाओ
#library ले जाओ
read more- Arun Aarya
मेरे आँखों की रौशनी , मेरी चमक , मेरे उजाले ले गये ! मेरी गाँव की मोहब्बत को आकर ,, शहर वाले ले गये..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HeartBreak #ले गये
#HeartBreak #ले गये
read moreMahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moreRadhe Radhe
लगता है हमें तुम दोनो से प्यार है दोनो पे इकरार है पर किस्मत तो देखो मैं दोनो में से किसी की भी नहीं कोई अन्य आइएगा और ले जाएगा। जय श्री राधे ©Radhe Radhe कोई अन्य आइएगा और ले गया
कोई अन्य आइएगा और ले गया
read moreबदनाम
कल देखा था तुम्हे. छत पे, बाल सुखाती खुद की धुन में बहती हुई शांत खबर थी मोहल्ले को की तुम आई हो मगर गलियों में शांति बहुत थी एक दफा खिड़की से झांकती तुम नजर आई थी पलक झपकते कही गायब भी हो गई थी मेरी चाय वही मेज में रखी ठंडी हो रही थी और कलम सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रही थी शायद अब अगली मुलाकात ना हो तुमसे ये शहर तुम्हारे बिना अधूरे सा लगता है और घर की दीवारें, तुम्हारी यादें दिलाती है तुम्हारे हिस्से की खिचड़ी रख आया हु अगली दफा साथ में खाएंगे....... ©बदनाम अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
Unsplash थामा हैं हाथ अब ले चल कहीं भी अब ©Urmeela Raikwar (parihar) #lovelife ले चल
#lovelife ले चल
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
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