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Ghumnam Gautam
White गिरा नदी में सूर्य है, और गया है भींग हमने देखो हाँक दी,कितनी अच्छी डींग शेर डरे खरगोश से,जग की उल्टी रीत जो पहुँचेगा बाद में,उसकी होगी जीत आदर्शों की लाश पर,खुलके नाचें आप अवधपुरी के सर मगर, मढ़ दें अपने पाप ©Ghumnam Gautam #ghumnamgautam #शेर #खरगोश #अच्छी #पाप
PURAN SINGH CHILWAL
पानी में पत्थर मत मारो उसे भी कोई पीता होगा जिंदगी में कभी उदास मत रहना यारों क्योंकि तुम्हें भी देखकर कोई जीता होगा ©PURAN SINGH CHILWAL #1000like अच्छी और सच्ची बात
BANDHETIYA OFFICIAL
White राजनीति! कौन कहता, है बुरी। उससे अच्छी जो खुद में रार -नीति । रार - नीति,जिद खुद में जिद्दी होना, है बुरी भक्ति किसी की, फिर संजोना, रुख हवा का देख,रुख है ये रीति। देह का भरोसा ही न सांस गुम हो, आंख का नजारा झूठ और तुम हो, पाल चले अविश्वसनीय मन प्रीति। ©BANDHETIYA OFFICIAL #राजनीति अच्छी है!
Anil Kr Rawat
White जिंदगी में कठिनाइयां आयें तो उदास ना होना,क्यूंकि कठिन रोल अच्छे एक्टर को ही दिए जाते हैं ।। ©Anil Kr Rawat #Moon अच्छी बातें
vinni.शायर
एक यार मिला एक दोस्त मिली आगे चला तो कुछ होर मिली.. दुनिया में लड़की तो मिली बहुत पर मां जैसी एक ना मिली... यार मां मेरी सावली थी पर प्यारी कितनी लगती थी.. चमक ऐसी थी आंखो मे वो सबसे न्यारी लगती थी.. खुदा ने जाने किस सांचे में ढाला था उसको जान बूझकर बेवकूफ बनी रहती पर सब बातो का पता था उसको.. वो इतना मीठा बोलती थी इतना तो कोयल भी नही बोलती.. बोलने से पहले ही वो हर बात को तोलती.. एक एक शब्द को ऐसे पिरोती जैसे सब आता हो उसे.. पर अनपढ़ थी वो जैसे सब बातो का पता हो उसे.. मां तू कितनी अच्छी लगती है.. मां तू कितना याद आती है.. ©vinni.शायर मां तू कितनी अच्छी लगती है.. #cycle
Arora PR
White आज आँखे मेरी अटक गई आज के ताज़ा अख़बार क़ो देख कर ज़ब देखी मैंने एक अच्छी खबर एक लम्बे अंतराल के बा द कि प्रभु श्री राम ने अयोध्या मे पुनः जन्म लेने का अयोध्या वासियो क़ो सन्देश भेजा हैं ©Arora PR अच्छी खबर
अच्छी खबर #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१ यार बिन कुछ भी नहीं भाता मुझे । गम कि फिर तंहाइयाँ अच्छी लगे ।।२ आ सँवरकर सामने मेरे कभी । मुझको तेरी शोखियाँ अच्छी लगे ।।३ सुर्ख कर लो होंठ ये मेरे लिए । तुझ पे ही ये सुर्खियाँ अच्छी लगे ।।४ आ रही घर में हमारे फिर खुशी । मेम को अब इमलियाँ अच्छी लगे ।।५ एक अच्छा नाम अब मैं सोच लूँ । मुझको देखो बेटियाँ अच्छी लगे ।।६ ढ़ल रही है ये जवानी अब प्रखर । अब न वो गुस्ताखियाँ अच्छी लगे ।।७ १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१
ग़ज़ल :- प्यार में मनमर्जियाँ अच्छी लगे । मिल गले सरगोशियाँ अच्छी लगे ।।१ #शायरी
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