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Bebaak
तुझे जैसे बाहों में भरने को दिल करता हैं , तेरे लब पर अपने लबों को मिलाने का दिल करता हैं। क्योंकि तेरा मिलना जैसे मेरी क़िस्मत ही तो हैं , वरना तेरे जैसा दिलदार हर किसी के नसीब में कहाँ होता हैं। ~रवि ##तू किस्मत हैं मेरी##हिंदी पोएट्री#बेबाक़##पोएट्री
Kumar Rohit
ज़रूरी है जब भी कोई नए रिश्ते की शुरुआत होती, बड़ा ही शुकुन मिलता, रोज़ घण्टो घण्टो बातें, छेड़छाड़, रूठना, मनाना, कितना अच्छा लगता सब कुछ, जैसे लगता इस अंधेर ज़िन्दगी में, कोई उजाला सा आ गया,हर चीज़ happy happy, जैसे लगता ज़िन्दगी में खुशियों की बाढ़ सी आ गयी,सब कुछ हरा हरा, फिर एक गलती और the end, और जब आपका पार्टनर या दोस्त,आपका अगर समय अच्छा हो,आप बुरे भी फिर भी कोई बात नही,आप उसके नजर में अच्छे हो, और जब समय बुरा हो आप कुछ भी करलो आप खटको गे दुनिया के नजरो में, ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
वफ़ा देखली हमने ज़माने की जो कभी करते थे बात साथ निभाने की मौसम की तरह बदल गए वो , जो उदास देख करते थे फिक्र,, समय बुरा देख मेरा सम्भल गए वो , अब तो रो भी दूँ तो नही करते ज़िक्र। मन उदास है क्योंकि खास नही मेरे पास है, साथ नही है फिर भी याद कर उन लम्हो को या ख़ुदा क्या सुकून है क्या एहसास है, क्या एहसास है। 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
मेरे हर गमो की महफ़िल में ख़ुशियों की दुकान हो तुम, मेरे रोते हुवे दिल की मुस्कान हो तुम, मेरे लिए हो सबकुछ तुम, पर अफ़सोस पता नही था इस दिल मे सिर्फ मेहमान हो तुम। 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
रात की खामोशी, फगुनाहट की चहल , आंखों में नशा शराब का यादे उस शबाब का तड़पन रूह की, जैसे चिलचिलाती धूप में जरूरत एक बृच्छ कि छांव की, याद आती वो सुकून की राते सुकून पंहुचाती थी जो नशीली बाते, अब तो शराब भी ना गिरा पाए नशा चाहे जितना चढ़ जाए. 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
आग लगी है सीने में, दब गई कुछ बात दिल के कसीने में. ज़ज़्बात जो दब गए वो बात क्या कहे, जो समझ ना सके समझ ले हर बात क्या कहे. 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
हर दर्द अब छिपाने लगा हूँ, खामोश होकर दुनिया से दूर जाने लगा हूँ क्या था मैं क्या बन गया अब अपनी पहचान भी छिपाने लगा हूँ वक़्त के कुछ ऐसा तोड़ा हमे की जोड़ दिया दुबारा किताबो से हमे अब छोड़ दुनिया के ख़ुशियों को दर्दो में सिमटने लगा हूँ इतेल्लाह मैं कर दूं तुझे तेरी रुषवाई से मुझे रूह को जो तोड़ा है अब तो जीने की कला भी हमने छोड़ा है जानू मैं है ये इश्क़ जुवा फिर भी ये ना चाहकर भी हर किसी को हुआ पता नही गलती थी ये या है एहसास सुकून का याद कर उन लम्हो को अपने आंखों से रोने लगा हूँ 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
हमारी ज़िंदगी एक ऐसी किताब बन गयी है, जिसके सारे पन्ने तो है भरे हुवे लोगो के नज़रो में, मग़र एक ऐसी खामोशी छायी हुई है,, जो कोई नही समझ सकता, कोई नही पढ़ सकता उन शब्दों को जो टूटे फूटे है जो निकले है मेरे दिल से उन तन्हाइयो में जो सिर्फ होते है उस समय आधी रात के समय,जब मेरे आंसुओं को कोई नही देखता, फिर सुबह उठ नित्य क्रिया में लग छिपा कर हर दर्दो को एक झूटी मुस्कान ले आता चेहरे पर. 🙏प्रणाम🙏 🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
Vote वक़्त बे वक़्त तन्हाई उस बेवफा से जो मिली हमे हमारे वफ़ा की, सब्र करना सीख गया बिन उन हवाओ के जो सुकून मिलते थे उनसे बात कर एक ताज़गी मिलती थी मेरे तन्हा मन को. 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी
Kumar Rohit
जाने जिगर ज़िन्दगी में ज़िन्दगी के लिए धैर्य का होना बहुत जरूरी है, धैर्य के बिना तो ज़िन्दगी अधूरी है, सूर्य जब आसमान से लोगो को जीने के लिए निस्वार्थ रोशनी दे सकता है, तो हम इंसान क्यों छोटी से छोटी चीजो के लिए उलझ पड़ते. धैर्य रखें, छोटी सी है ज़िन्दगी, धैर्य बनाये रख, जो होता है हो जाने दे बस हर कदम देख कर रख. वो दिप बने जो लोगो को उजाला दे आपका साथ चल कर अपने दम पर, वो बिजली का बल्ब ना बने, जो उजाला दे, पर ज्यादा देर तक नही, जरा सी आंधी आयी और बिजली कट. 🙏प्रणाम🙏 ©Kumar Rohit मेरी डायरी