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Vishwas Pradhan
दिन खत्म, रात गई, चौ-बीस बसंत बीत गए। शुष्क चाल चल रही,ये जिंदगी है राह में। १ मन की गति मध्यम,ख्यालों में शोर लिए, सपने पलायन कर रहें,हैं भोर के उस चाह में। २ आंखों के कोने से,नींद ने आवाज दी, पलकों को रोकूं,कहो कहीं पड़ाव है ? ३ चार कदम कहते-कहते मीलों दूर चल दिए, उम्र भर यही सितम या नियत में ठहराव है । ४ क्या कहूं कि ख्वाबों को पर अभी लगे नहीं, कालजयी रातों के जुगनू भी जगे नहीं। ५ किस्मत की काली बेल ऐसे लिपटी सपनों से , सींच रहा सिप सिप, फल अभी लगे नहीं।। ६ पांव है समर में पर,समय के भंवर में हूं मै, कुछ आंखे भीतर से कहकहा लगा रही। ७ खिड़कियों से झांकती है दुनिया की चकाचौंध, प्रेम,प्रीत,अर्थ सारे लोभ ये जगा रहीं।। ८ सवाल कभी फैसलों पे, कभी खुद के हाल पे नियति से नाराज़ होके हार से हताश मै। ९ बंद पड़े रास्तों पे घेरे खड़े अंधेरे तो, कदम मुड़े पीछे चला घर मैं कुछ तलाश में। १० चौखट पे पड़े पांव आंखे दो हंसती दिखी, चेहरे की झुर्रियों पे आस की एक चमक लिए। ११ कुर्ते की सिलवटें उस हाल की गवाह पर, सवाल न शिकन खड़े, अधरो पे वही दमक लिए।। १२ मन का विज्ञान बिना ज्ञान लिए जान लेती, कह रही ये शिकन कैसा तू अभी भी शान है। १३ कंधे जो झुक रहे समय के दाब झेल के, कह रहे गया ही क्या अभी जितना जहान है।।१४ वो आंखे जो जीत की उम्मीद लिए बैठी हैं, तो कहो मन एक जोर क्यूं न फिर लगाऊं मैं |१५ वो पांव अभी भी चले रहें है हौसलों के हाथ भरे, अभी हूं खाली हाथ पर क्यूं खाली हाथ जाऊं मैं।१६ सृष्टि की रचना न ही नियति पे संदेह हमें, है पता कि फैसले पे उसका अधिकार है।१७ फिर कर्म से क्यूं हाथ पीछे, क्यूं थके समय से पहले। हार-जीत हिस्से में, सब हमे स्वीकार है ।।।१८ ©Vishwas Pradhan #kavita #Hindi #motivate #Jindagi hindi poetry on life hindi poetry
M Diwakar
White 26 जनवरी 1950 का, वह मंजर याद आने लगता है, हवा में जब तिरंगा प्यारा, लहराने लगता है, आंखें नम हो जाती हैं, तब, जब याद शहादत की आती है, मिसाइलों से दे कर सलामी, हम उनको याद करते हैं, दे दी थी शहादत अपनी, हम उनकी शहादत को, एक बार नहीं, बार-बार सलाम करते हैं। ©M Diwakar #happy_independence_day #26January #Desh #India #indain #bharat poetry lovers love poetry in hindi Hinduism poetry hindi poetry on life
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read moreJyoti Prakash
New Year 2025 छोड़ दिए वो किरदार जो हम! जिया करते थे। वहा आए वो! अक्स जो जख्म दिया करते थे। तेरे आने की पहल करेंगे ऐसे कि छोड़ेंगे उनको जो किरदार बदल दिया करते थे और साथ देंगे उनका जो हाथ! थाम लिया करते थे। ©Jyoti Prakash #Newyear2025 #Jyotiprakash #english #Hindi #shayari #kavita
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read moreptm_2299
green-leaves निडरता है हमारे हृदय में, पर्वत और सिंह को भी डर जाना है। बस एक चिंगारी से, सारे अंधकार मिट जाना है। ©aarush #GreenLeaves poetry on love hindi poetry hindi poetry on life
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read moreOnkar Borhade Official
White रात जब किसी की याद सताए हवा जब बालों को सहलाए कर लो आँखे बंद और सो जाओ क्या पता जिस का है ख़याल वो ख्वाबो मे आ जाए…!!! गुड नाईट 💖 ©Onkar Borhade official #goodnightimages #Hindi #Quote #kavita #vichar
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read moreसाँस लेती hui lash
White एक ही बात थी जो पूरी कर नहीं पाए एक ही ख़्वाहिश थी अधूरी रह गई मोहब्बत तो मेने अपने तरफ से पूरी की थी बस उसके तरफ से अधूरी रह गई करना बहुत कुछ था इस जवानी मे मगर बाते सिर्फ बाते रह गई अब कोई तेहवार अछा नहीं लगता मुझे अब तेहवारो मे वो बात नहीं रही बस खुद को बचाने के लिए यही दलील हमारे पास रह गई वैसे तो वो सब कुछ ले गया मेरे से जो भी था उसका बस उसकी यादे और उसकी खुशबु रह गई हमने सोचा था उसे बिछड़ेंगे तो मर जाय गे घर बिन-बियाही बहन को देख कर मरने की ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई ✍️✍️ ©साँस लेती hui lash #Deep #sayari #SAD #Love #joanelia #poatry #kavita #true #Lines #दुनिया hindi poetry urdu poetry love poetry in hindi hindi poetry on life
Bharat Bhushan pathak
#विधा-सोरठा छंद देकर जिसने प्राण,रक्षित जीवन को किया। लिया नहीं अवकाश,सेवा माता को दिया।।१ खाते हरदम चोट,तपते रवि सम ही यहाँ । पल भर को भी चैन,लेते वो बोलो कहाँ।।२ छोड़ सदा परिवार,सदैव सरहद पे रहें। करते सबसे प्रेम,वार शत्रु के भी सहें।।३ मिले हमें आनंद,उपाय करते हैं यही। रहते ओढ़े बर्फ,कहता एकदम हूँ सही।।४ ©Bharat Bhushan pathak poetry in hindi poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry on love
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read moreVijay Vidrohi
सूख गए हों सबके प्राण झुक गया हो आसमान 6 दिसंबर 1956 को जब हुआ बाबा साहब का महापरिनिर्वाण। छोड़ गए हम सबका साथ रहा नहीं है सर पर हाथ उनके बिन अब कौन करेगा वंचित पिछड़ों के हकों की बात। खुद मर कर किया बुद्ध को जिंदा हैं उनके जैसे शख्स चुनिंदा आज तलक है मिशन अधुरा बाबा साहब हम हैं शर्मिंदा ©Vijay Vidrohi baba sahb ko samrpit kavita hindi poetry on life poetry lovers love poetry in hindi metaphysical poetry punjabi poetry
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