Nojoto: Largest Storytelling Platform

New रफ़ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about रफ़ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रफ़.

Related Stories

    LatestPopularVideo

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** आजमाइश *** " क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं , मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं , फिर बेजोर #मुहब्बत #शायरी #रुखसत #ख़्वाहिशों #क़सम #तिलिस्म #गुब्बार #रफ़ाक़त

read more
*** ग़ज़ल *** 
*** आजमाइश *** 

" क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं ,
मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं ,
फिर बेजोर तौर पें तेरा होने का आजमाईश की जाये ,
फिर जाने तुम किसकी ख्वाहिश की तलब किये हो ,
क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं ,
मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं ,
रुखसत करें की क्या करें तेरे बगैर ही रहा जाये ,
तसव्वुर के ख्यालों में फिर किसी की आजमाइश की जाये ,
मिला है तो मिल बर्ना कभी ऐसे कभी फ़ुर्क़त हुई ना हो ,
रफ़ाक़त के कुछ सलीके तु मुझपे आजमायें तो सही तो सही हैं ,
रह रह के उठता है गुब्बार तेरा ,
तु भी कभी मुझे इस सलीके से आजमायें सही ,
क्या बतायें कि क्या आजमायें अब ,
मुहब्बत की कौंन सी तिलिस्म आजमायें है,
वो आती हैं और चली जाती मेरी ख़्वाहिशों में ,
कि अब कौन सा क़सम दे उसे जो वो रुक जाये अब . " 

                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** आजमाइश *** 

" क्या बतायें कि किसी की ख़्वाहिश में जिते हैं ,
मुकम्बल जो ना हो जाने किसकी आजमाईश में जिते हैं ,
फिर बेजोर

Dalip Kumar 'Deep'

वक़्त ऐसे रफ़ू कर गया गुज़रे ज़माने😊🌆💒💕💕 #शायरी

read more

Prashant Badal

जितनी शिद्दत से लिखी गजल मैंने . उतनी शिद्दत से वो पढ़ी नहीं गई .. दर्द भी शामिल था , प्यार भी था शामिल उसमे.. रफ़्तार से निकली कलम थी, वो #Quotes #lovepoem #लव #m_rwriter

read more

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** नुमाइश *** " क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं , मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से , क्यों ना तेरा बार बार मु #कविता #ख्यालों #आरज़ू #तसव्वुर #हिज़्र #मशग़ूल #रफ़ाक़त

read more
*** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं ,
खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये ,
तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं ,
बात जो भी फिर कहा तक जार बेजार , 
तेरे ज़िक्र की नुमाइश की पेशकश की जाये ,
लो ज़रा सी इबादत कर लूं भी मैं ,
इश्क़ की बात हैं मुहब्बत कर लूं मैं ,
तेरे ख्यालों की नुमाइश क्या ना करता मैं ,
ज़र्फ़ तेरी जुस्तजू तेरी आरज़ू तेरी ,
फिर इस हिज़्र में फिर किस की ख़्वाहिश करता मैं ,
उल्फते-ए-हयात  एहसासों को अब जिना आ रहा मुझे ,
जो तेरे ख्यालों के तसव्वुर से रफ़ाक़त जो कर रहा हूं मै . "

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** नुमाइश *** 

" क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं ,
मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से ,
 क्यों ना  तेरा बार बार मु

Rabindra Kumar Ram

" तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं , फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई , रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें , फिर इस गुमनामी मे #शायरी #शिद्दत

read more
" तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं ,
फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई ,
रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें ,
फिर इस गुमनामी में तु फिर शिद्दत से मिले तो मिले . " 

                          --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं ,
फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई ,
रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें ,
फिर इस गुमनामी मे

BROKENBOY

#snowpark सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यों है, इस शहर में हर शख़्स परेशा न-सा क्यों है, दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे, पत्थर

read more
सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यों है,
इस शहर में हर शख़्स परेशा न-सा क्यों है,

दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे,
पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान-सा क्यों है,

तन्हाई की ये कौन-सी मंज़िल है रफ़ीक़ो,
ता-हद्द-ए-नज़र एक बियाबान-सा क्यों है,

हमने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की,
वो ज़ूद-ए-पशेमान, परेशान-सा क्यों है,

क्या कोई नई बात नज़र आती है हममें,
आईना हमें देख के हैरान-सा क्यों है।

©BROKENBOY #snowpark 
सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यों है,
इस शहर में हर शख़्स परेशा न-सा क्यों है,

दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे,
पत्थर

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** मौजुदगी *** " यूं होने को बात ये भी हैं , किसी ऐवज में कभी तेरे , कभी मेरे पले में आयेगा , वजूद फिर किस में किस की तलाश #मुहब्बत #शायरी #वस्ल #अदावत #एहतराम #ज़िक्र #मुख्तलिफ #रफ़ाक़त

read more
*** ग़ज़ल ***
*** मौजुदगी *** 

" यूं होने को बात ये भी हैं ,
किसी ऐवज में कभी तेरे ,
कभी मेरे पले में आयेगा ,
वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये ,
जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा ,
ख्वाब मेरा महज़ मेरा ख्वाब ना हो ,
इसमें तेरी मौजूदगी की तलाश तो मुकम्बल हो ,
तसव्वुर के ख्यालों के नुमाइश में ,
किस किस को चेहरा और तेरा नाम देता फिरे ,
फिर कहीं ऐसा हो तेरी मौजूदगी हो और ,
मेरी - तेरी जुस्तजू की तलब कोई मुकाम ले ले‌ ,
यूं होने को मुस़ाफिर हम भी हैं ,
फिर किसी बात पे राजी तुम भी हो ,
बस्ल हो ऐसा की हमारे रफ़ाक़त पे यकीन आये ,
क्यों ना तेरा ख्वाब मुसलसल कर लें ,
मैं चाहे जिस जद में रहूं क्यों ना ,
फिर भी तुझसे इक मुलाकात कर लें ,
हम तेरा एहतराम यूं ही करेंगे ,
मुहब्बत ना भी हो तो मुहब्बत का भ्रम रखेंगे ,
मिल जा बिछड़ जा फिर कहीं मुख्तलिफ बात की अदावत ठहरी ,
यूं तेरा ज़िक्र बामुश्किल भी नहीं ,
करते हैं जो एहतराम ऐसे में . "
 
                       --- रबिन्द्र राम


 #मौजुदगी #वस्ल #रफ़ाक़त #मुहब्बत 
#मुख्तलिफ #अदावत #ज़िक्र #एहतराम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल ***
*** मौजुदगी *** 

" यूं होने को बात ये भी हैं ,
किसी ऐवज में कभी तेरे ,
कभी मेरे पले में आयेगा ,
वजूद फिर किस में किस की तलाश
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile