Find the Latest Status about बलुआ पत्थर क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बलुआ पत्थर क्या है.
M.K Meet
दयार-ए-इश्क में, मुश्किल है दिल को समझाना के मासुम मशविरों को, पागल ये मानता ही नहीं ©M.K Meet दिल पत्थर होने लगा है या कि पत्थर बना रहा कोई!!
दिल पत्थर होने लगा है या कि पत्थर बना रहा कोई!!
read moreहिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreGhumnam Gautam
गुल व भँवरे की हर कहानी में हैं बहारों के बाद पतझर भी घर में अमरूद गर लगाओगे आएँगे आँगनों में पत्थर भी ©Ghumnam Gautam #गुल #पत्थर #कहानी #ghumnamgautam
#गुल #पत्थर #कहानी #ghumnamgautam
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
पत्थर सड़क किनारे आज पड़ा हूँ मेरी होगी पूजा कल इंतजार में बैठा हूँ मैं सब्र का मीठा होगा फल नहीं किसी को घाव मैं देता खुद ही टकराती दुनिया मेरी यही कामना सबको मिल जाए अपनी खुशियाँ मैं कठोर हूँ इसमें मेरा कोई भी है दोष नहीं जहाँ मुझे कोई भी रखे रहता हूँ खामोश वहीं कोई ढूढ़ता मुझमें ईश्वर कोई ढूँढता है प्रियतम बेखुद जैसा भाव हो जिसका उसी रूप में मिलते हम ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पत्थर
Parasram Arora
White धर्म! आखिर ये धर्म है क्या? मैंने तो सिर्फ जीवन को ही जाना है जीवन के अलावा मैंने किसी को नहीं जाना है. और मेरी दृष्टि मे जीवन का अर्थ है. खेत हल कुवा और लहल्हाती फसल जीवन का अर्थ है पत्नी बच्चे और सुखद सफल दाम्पत्य ©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
आखिर ये धर्म है क्या?
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम क्या है..? मन की व्यथा जब कहनी ना पड़े, तन की पीड़ा जब बतानी ना पड़े, आँसू गिरे तो किसी की हथेली नर्म कर दे, निगाहें उठे तो गुस्सा शांत कर दे, मन जब उस मुकाम पर किसी के कंधे पर सर रख कर मुस्कुराए और आँखें भीग जाए, वो एहसास वो मुकाम प्रेम है..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay #Nojoto
प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay
read morekatha Darshan
White धुआं लकड़ी का हो या यादों का आँखे तो जलती ही हैं ©katha Darshan #Nojoto क्या बदलता है ! Katha Darshan
क्या बदलता है ! Katha Darshan
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
चाहकर भी घर से निकलते नहीं अब.. खूब फिसले जमाने फिसलते नहीं अब.. वो बड़े ही सख्त मिजाज़ हुए रे कलम तेरे लफ्जों के कमाल चलते नहीं अब.. पिघले होंगे पत्थर किसी के पिघलाये से मेरे पिघलाये से वो पिघलते नहीं अब.. रातों के इंतजार में रहता हूँ तुम्हारे लिये ये दुश्मन दिन जल्दी ढलते नहीं अब.. ख़ुद को बाँट तो लिया सर्द गर्म रातों सा मौसम हैं कि सही से बदलते नहीं अब.. वादियाँ मशगूल हैं हुस्न की फिराक में दिवाने दिल के अरमाँ मचलते नहीं अब.. एक हम हैं, कोशिशें खूब की भुलाने की एक वो हैं, दिल से खिसकते नहीं अब.. ©अज्ञात #पत्थर