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dilber
White आज एक बात तो सीख ली हैं मैने, खुद को खुद मे खुद से दूर होते देखा है. माँ के जाने के बाद पिता को मजबूर देखा हैं जिसे साया समझ अपनाया था मैने, उसे दामन चुराते देखा है. खुशीयां समेटना चाहा था संग जिसके, उसे हुमदर्द् बन दर्द देते देखा है ©dilber #Sad_Status pai
#Sad_Status pai
read moreDil_ se_06
Unsplash Always make friends with books ❣️ Because everyone say lie but 💫 Books don't say lie✨ * * * 🤗🤗 ©Dil_ se_06 #library #Books #Love #friends #Dosti #Yaad
Aman
Unsplash always do something to knw ur best in ur society😈 ©Aman #library remember😈#library
Mahira Khan
Unsplash तेरे होंठ गुलाब की पंखुड़ी की तरह है मैं क्या सस्ती नशा करूं तुम्हारा चेहरा ही शराब की तरह है ©Mahira Khan #library
Pooja
Unsplash Kuch is tarah naraj h wo hamse jese unhe kisi aur ne mana liya ho ©Pooja #library
Shailendra Anand
Unsplash रचना दिनांक ््171 ,,दिसम्बर ,2024 वार बुधवार समय सुबह पांच बजे ््भावचित्र ् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् ्््कल्पना ही साकार लोक में भावना का श्रव्य माध्यम श्रंगार है, जनमानस में एकात्मकता समरुपता का जूनून है देश धर्म संस्कृति महान है ्् ््््् ्््छाया चित्र कृति रुप प्रतिकृति रंग लाई अंगड़ाई युवा पीढ़ी और आप और हम, दोनों जोश खरोश उन्दा सोच पर निर्भर करती है,, देश में परिवर्तन की अंगड़ाई लेते हुए , जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव जन आंदोलन बन चुका है।।््् संसार जगत में एकमात्र ऐसा देश हमारा है जहां चाह वहां राह दिखाने वाले इस पैगाम में आमनागरिक अनेकानेक धर्मों का निचोड़ सार सार्थक ,, भारत प्रजातांत्रिक देश में संविधान में सिर्फ त्वमेव त्वमेव एकमेव सिर्फ सिर्फ मतदाता हैं ।। यहां इन्सान को इन्सान बनाया गया है नाकि कोई शैतान जो मानवता प्रकृति के खिलाफ मामला है ,, वह सिर्फ सिर्फ एकमात्र पशुत्वता के जिन्स अनूवाशिकी संस्कार से , वह नागरिक आधार ही स्वयं ही अपना और अपने विचार देश का दूश्मन नासूर है।। जिसका विरोध करने का प्रताड़ना पहले इन्सान को ज़िन्दगी में पहले अपने परिवार से बहिष्कार कर नगर से तदपश्यात न्याय की प्रक्रिया संहिता से कठोरतम कार्यवाही की जाना चाहिए,, उसे सिर्फ सिर्फ मतदाता सूची अपराध का अपराधी होता है।, उसका कोई रिश्ता धर्म जाति भाषा से कोई लेना देना नहीं होता है।। यह विशेष रूप से भारत संविधान में संशोधन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है,, जो देश की जनता में एक पूजा एक मंत्र एक शक्ति देश का संविधान है बाकी सब कुछ बकवास है।। जब तक नीति नियत परिधि समय में लोकमत जनमत है जो इस देश की आन बान शान है यही कारण है कि हम आज सबसे अलग तथा कथित रूप से राजनीतिक दलों और नेताओं के सत्ताधारी दल का आयना नजरिया देशहित होना चाहिए।। यही सही समय पर जिंदगी का स्वरूप माना गया, जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है।। ््कवि शैलेंद्र सिंह ् 17,, दिसंबर,,2024,,रचना दिनांक ््171 ,,दिसम्बर ,2024 वार बुधवार समय सुबह पांच बजे ््भावचित्र ् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् ्््कल्पना ही साकार लोक में भावना का श्रव्य माध्यम श्रंगार है, जनमानस में एकात्मकता समरुपता का जूनून है देश धर्म संस्कृति महान है ्् ््््् ्््छाया चित्र कृति रुप प्रतिकृति रंग लाई अंगड़ाई युवा पीढ़ी और आप और हम, दोनों जोश खरोश उन्दा सोच पर निर्भर करती है,, देश में परिवर्तन की अंगड़ाई लेते हुए , जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव जन आंदोलन बन चुका है।।््् संसार जगत में एकमात्र ऐसा देश हमारा है जहां चाह वहां राह दिखाने वाले इस पैगाम में आमनागरिक अनेकानेक धर्मों का निचोड़ सार सार्थक ,, भारत प्रजातांत्रिक देश में संविधान में सिर्फ त्वमेव त्वमेव एकमेव सिर्फ सिर्फ मतदाता हैं ।। यहां इन्सान को इन्सान बनाया गया है नाकि कोई शैतान जो मानवता प्रकृति के खिलाफ मामला है ,, वह सिर्फ सिर्फ एकमात्र पशुत्वता के जिन्स अनूवाशिकी संस्कार से , वह नागरिक आधार ही स्वयं ही अपना और अपने विचार देश का दूश्मन नासूर है।। जिसका विरोध करने का प्रताड़ना पहले इन्सान को ज़िन्दगी में पहले अपने परिवार से बहिष्कार कर नगर से तदपश्यात न्याय की प्रक्रिया संहिता से कठोरतम कार्यवाही की जाना चाहिए,, उसे सिर्फ सिर्फ मतदाता सूची अपराध का अपराधी होता है।, उसका कोई रिश्ता धर्म जाति भाषा से कोई लेना देना नहीं होता है।। यह विशेष रूप से भारत संविधान में संशोधन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है,, जो देश की जनता में एक पूजा एक मंत्र एक शक्ति देश का संविधान है बाकी सब कुछ बकवास है।। जब तक नीति नियत परिधि समय में लोकमत जनमत है जो इस देश की आन बान शान है यही कारण है कि हम आज सबसे अलग तथा कथित रूप से राजनीतिक दलों और नेताओं के सत्ताधारी दल का आयना नजरिया देशहित होना चाहिए।। यही सही समय पर जिंदगी का स्वरूप माना गया, जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है।। ््कवि शैलेंद्र सिंह ् 17,, दिसंबर,,2024,, कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand #library
SANT HOSH
Unsplash Read a book when you are alone ©SANT HOSH #library #newpost #alone_forever #library
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