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Nsjsbaro

#घर के बाहार

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White घर के बाहर दिमाग लेकर जाओ ख्यींकि दुनिया एक बाजार  है,औय घर के अन्दर सेर्प दिल लेकर जाओ ख्यींकि यहां एक परिवार है

©Nsjsbaro #घर के बाहार

संजय जालिम " आज़मगढी"

# खुद को भुला बैठे #

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White दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो"२"
दर्द दे के हमें हमेशा तुम मुस्कुराते हो "२"
ख़ता बस ये हमसे हुई की दिल लगा बैठे "२"
 "जालिम" तुमसे से ..उल्फ़त इतनी मिली
 खुद को भूला बैठे.... "२" 
दर्द बन के कभी भी तुम आ जाते हो....

©संजय जालिम " आज़मगढी" # खुद को भुला बैठे #

VIJAY DUBEY

#love_shayari बैठे है

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White दिल मे तेरे प्यार का दीपक जलाय बैठे है 
साथ तेरे जीने के हम सपने सजाय बैठे है 
निगाहे तेरे दर पर 
हम जमाये बैठे है 
होंगी कभी मेरी 
ये उम्मीद लगाय
बैठे है

©VIJAY DUBEY #love_shayari बैठे है

शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night घर

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White घर के कोने कोने में ,मोबाइल सब पर हावी है,
न ही अंकुश रहा किसी पर,और न कोई चाभी है।
शर्म हया की बात न करिये,आधुनिकता यूं आई है,
बेटे संग रोमांस दिखाकर मम्मी रील बनाई है।
कांट्रैक्ट में बंधे दिख रहे सम्बन्धों के तार,  
घरवालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार, 
बचा लो अपना अब परिवार-2

©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night घर

अनिल कसेर "उजाला"

घर जाना है।

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F M POETRY

#सामने तेरा घर...

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल न बस में अगर हो तो मैं क्या करूँ..

सामने तेरा घर हो तो मैं क्या करूँ..

©F M POETRY #सामने तेरा घर...

Ajun

#SunSet काम चोर

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जो व्यक्ति मेनात्त नहीं करते
वो बहुत काम चोर होते है
और बहुत हरम्मी होते हैं

©Ajun #SunSet काम चोर

F M POETRY

#GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...

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green-leaves कितने आराम से बैठे हो मेरा दिल लेकर..

मुझको हैरत है क़ी खामोश है दिल भी तुम भी..



यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...

priyanka pilibanga

खुद पर काम कर

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White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
दरिया दूर दूर तक फैला है,
अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख।
लाखों से जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।
हो सके तो किसी का रक्षक बन,
किसी के नज़ारे ना देख।
राख है चारों तरफ बिखरी हुई,
राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख।
अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर,
दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख।

©Priyanka Poetry खुद पर काम कर

RUPESH Kr SINHA

#काम ख़तम नता ख़तम

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