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F M POETRY
New Year 2024-25 अच्छा होगा भी या बुरा होगा. कौन जाने क़ी आगे क्या होगा. कितने दुख दर्द उस सफर गुज़रे. इस सफर जाने क्या से क्या होगा. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #NewYear2024-25 कौन जाने क़ी क्या से क्या होगा..
#Newyear2024-25 कौन जाने क़ी क्या से क्या होगा..
read moreAnamika Raj
White न जाने यह कोनसा जमाना आ गया जहा पर तोह अपने भी बेगाने से लगते है। ©Anamika Raj न जाने यह कोनसा जमाना आ गया..
न जाने यह कोनसा जमाना आ गया..
read moreRajesh Arora
White ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है किसी को देकर खुशियां किसी को देकर गम ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है जनवरी में आया दिसम्बर में जा रहा है बारह महीने रहकर ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ©Rajesh Arora ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreमिहिर
White ये क्या पूछा ये बिंदी कैसी लगती ये साड़ी कैसी दिखती है ये काजल ठीक तो लगते है ना ! जो सच पूछो तो ये जचना खिलना मत पूछो तुम बिंदी पर जँचती हो तुम साड़ी पर खिलती हो तुम काजल से तीखी हो तुम सोने से ज्यादा चमकती हो तेरे होने से इनका होना है तू हंसती है तो ये सोना है तेरे आगे इनका क्या मोल अरे ओ बावली तू क्या जाने तू अनमोल !! ©मिहिर #तू क्या जाने
#तू क्या जाने
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreRAMLALIT NIRALA
White झूठ बोल कर चुनाव जीत सकते है किसी का दिल नहीं ओ मुर्ख होते है जो दुसरो के कन्धो पर बंदुख रखकर चलाते है कभी दुःख मे अकेले रहना जिंदगी क्या होती है पता चल जायेगी ©RAMLALIT NIRALA कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
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