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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे, तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँगा । जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा, जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥ जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine #sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे, तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँ
#sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे, तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँ
read moreTARUN KUMAR VIMAL
T20 सीरीज का शेड्यूल 22 जनवरी - पहला टी20, कोलकाता 25 जनवरी - दूसरा टी20, चेन्नई 28 जनवरी - तीसरा टी20, राजकोट 31 जनवरी - चौथा टी20, पुणे 2 फरवरी - पांचवां टी20, मुंबई ©TARUN KUMAR VIMAL #T20 सीरीज का शेड्यूल 22 जनवरी - पहला टी20, कोलकाता 25 जनवरी - दूसरा टी20, #चेन्नई 28 जनवरी - तीसरा टी20, #राजकोट
theABHAYSINGH_BIPIN
वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ, वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं। क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर, इशारे में थामो, उड़ान बदलती है। क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से, वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं। क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो, वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं। हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं, हर रिश्ते में वो तड़प रहती है। क्यों हो इतना भी बेकरार तुम, वक्त पर ही नींद सुकून की आती है। जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता, वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है। क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो, वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है। नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों, वक्त पर ही दवा मिलती है। दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ, वक्त पर ही अपने मिलते हैं। क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया, वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं। क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए, वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है। छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे, वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं। वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है, वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
read moreBharat Bhushan pathak
बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला। इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।। पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया। प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।। आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना। जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।। ©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
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